उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड,ओबरा की 660 मेगावाट की एक ईकाई 30 जून को शुरू करेगी विद्युत उत्पादन

लखनऊ 4जून,मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम0 देवराज प्रदेश में विद्युत उपलब्धता बढ़ाने हेतु निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाएं शीघ्र उत्पादन शुरू करें इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं। इसी प्रयास में उन्होंने प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की निर्माणाधीन ओबरा परियोजना स्थल का दौरा किया और परियोजना के अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें उन्होंने पाया कि ओवरा तापीय परियोजना की निर्माणाधीन 2×660 मेगावाट की दो इकाइयां निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं। लगातार मॉनिटरिंग के बाद भी स्थलीय निरीक्षण में कार्य की प्रगति से वे पूरी तरह असंतुष्ट दिखे इसके लिए उन्होंने निर्माण कर रही कंपनी दुशान के अधिकारियों और परियोजना तथा उत्पादन निगम के अधिकारियों की आहूत बैठक में घोषणा की कि जब तक एक-एक बिंदु की टाइम लाइन नहीं तय हो जाएगी यह बैठक चलती रहेगी वह खुद भी बैठक में रहे और वह बैठक प्रातः 8:00 बजे से रात्रि 3:00 बजे तक अनवरत चली चल रहे कार्यों के एक-एक बिंदु पर चर्चा हुई और उसके पूर्ण करने की तिथि निश्चित हुई। अंत में 30 जून को 660 मेगावाट की एक इकाई का उत्पादन शुरू हो जाएगा यह बैठक में निचोड़ निकल कर आया।
पिछले लगभग डेढ़ महीने से अध्यक्ष वीडियों कॉफेन्सिंग के माध्मय से ओबरा परियोजना के तथा दुशान कम्पनी के अधिकारियों से बैठक कर 660 मे०वा० की दोनों ईकाईयों के उत्पादन प्रारम्भ करने में हो रही देरी को पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत थे। अन्ततः अपेक्षित सुधार एवं प्रगति न होते देखकर अध्यक्ष ने ओबरा जाकर निर्णय करने का हल सोचा। अध्यक्ष ने दुशान सहित उत्पादन निगम एवं ओबरा परियोजना के अधिकारियों की इस बात के लिए प्रशंसा की है कि कार्य में तेजी लाकर विद्युत उत्पादन शुरू करने की तिथि निश्चित कर ली गयी। उन्होंने कहा कि सितंबर तक प्रदेश में विद्युत की जबरदस्त मांग रहेगी। ऐसी स्थिति में 660 मे०वा० की 1 यूनिट के
उत्पादन से प्रदेश की विद्युत आपूर्ति को बड़ा लाभ होगा। ओबरा ताप विद्युत गृह सोनभद्र जिले के ओबरा नामक स्थान पर है। यह वाराणसी से 125 किलोमीटर की दूरी पर वाराणसी शक्तिनगर मार्ग पर स्थित है। यह बिजली संयंत्र भारत की पहली 200 मेगावाट ईकाई होने का गौरव रखती है। यहां 13 इकाइयां है जिसमें से सभी कोयले से चलने वाली इकाइयां हैं। 200 मेगावाट की अंतिम इकाई 1982 में शुरू हुई थी। इसकी उत्पादन क्षमता 1288 मेगावाट है। यहां 333 मेगा वाट का जल विद्युत का प्लांट भी है जो ताप विद्युत गृह को चार्ज करने में मदद करता है। वर्तमान में 660 मेगावाट की दो नई इकाइयां निर्माणाधीन है इसके प्रारंभ होने से 1320 मेगावाट विद्युत का उत्पादन प्रदेश को प्राप्त होगा जो एक बड़ी उपलब्धि होगी। विद्युत दुर्घटनायें रोकने एवं उपभोक्ता सेवा और बेहतर बनाने हेतु आउटसोर्स कर्मियों का होगा प्रशिक्षण – एम० देवराज
उ0प्र0 पावर कारपोरेशन अपने आउटसोर्स कर्मियों को प्रशिक्षण देगा जिससे बिजली उपकरणों एवं लाइनों आदि के अनुरक्षण कार्यों में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। यह जानकारी देते हुये उ0प्र0 पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम० देवराज ने कहा है कि कारपोरेशन में कार्यरत प्रत्येक कार्मिक का जीवन हमारे लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण है दुर्घटनायें असावधानियों के कारण होती हैं। इसलिये लगातार एवं गहन प्रशिक्षण देने से दुर्घटनायें रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहाकि सुरक्षा उपकरणों की कमी, मानकों की अनदेखी अथवा असावधानी के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर रोक के लिये आउटसोर्स कामिकों को प्रशिक्षण दिलाना आवश्यक है विद्युत सखियों को भी बिल जमा कराने तथा मीटर रीडिंग का प्रशिक्षण दिलाया जायेगा।
गन्ना संस्थान में इण्डिया लिटरेसी बोर्ड साक्षरता निकेतन लखनऊ तथा उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में सफल 100 प्रतियोगीयों को प्रमाण पत्र एवं टूल किट वितरित किये गये। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये अध्यक्ष ने प्रशिक्षण संस्थान तथा इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित कर प्रशिक्षण कार्यक्रम को और प्रभावी ढंग से संचालित करने का अनुरोध किया। इस कार्यक्रम में 100 आउटसोर्स विद्युत कामिको को प्रशिक्षण एवं प्रमाण पत्र दिया गया। एम0 देवराज ने कहा कि इण्डिया लिटरेसी बोर्ड साक्षरता निकेतन एक अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शैक्षणिक संस्थान है।
इस प्रशिक्षण से ऐसे दैनिक एवं आउटसोर्स कार्मिक जो इलेक्ट्रिकल का कौशल्य तो रखते हैं परन्तु प्रमाणीकृत नहीं हैं उन्हें प्रमाण पत्र मिल रहे हैं जिससे वे अपने भविष्य को और अच्छा बना सकेंगे। कार्यक्रम को अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग श्री संजय आरण मुरारेड्डी ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रशिक्षण कौशल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।