राजनीति

उप्र को जल जीवन मिशन के तहत 10,870 करोड़ का केन्द्रीय अनुदान

नई दिल्ली 13जून 2021।प्रत्येक ग्रामीण परिवार के घर तक नल से जल पहुंचाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने के लिए केन्द्र सरकार ने ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत, उत्तर प्रदेश को मौजूदा वित्त वर्ष में 10,870.50 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश को अनुदान की यह राशि 1,206 करोड़ रुपए थी, जो 2020-21 में बढ़ा कर 2,571 करोड़ रुपए कर दी गई थी। इस प्रकार, पिछले वर्ष की तुलना में उत्तर प्रदेश को इस वर्ष ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत मिला केन्द्रीय अनुदान चार गुना ज्यादा है।केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई अपनी पिछली बैठक में आश्वासन दिया था कि उत्तर प्रदेश को ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी श्री शेखावत को भरोसा दिलाया है कि उनकी सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के ही अनुरूप राज्य के हर ग्रामीण घर में 2024 के अंत से पहले नल जल कनेक्शन प्रदान कर देगी।उत्तर प्रदेश में 97 हजार गावों में 2.63 करोड़ परिवार रहते हैं, जिनमें से 30.04 लाख के घरों यानि 11.41 प्रतिशत में पीने के पानी का नल कनेक्शन है। ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा से पहले उत्तर प्रदेश में केवल 5 लाख से कुछ ही ज्यादा, यानि मात्र दो प्रतिशत घरों में ही नल जल कनेक्शन था। इस प्रकार, पिछले केवल 21 महीनों के दौरान निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में 24.89 लाख और घरों को नल जल के नए कनेक्शन प्रदान किए गए। इसके बावजूद, उत्तर प्रदेश में अब भी लगभग 2.33 करोड़ ग्रामीण घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाना बाकी है।वर्ष 2020-21 में उत्तर प्रदेश को ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत केंद्रीय अनुदान 2,571 करोड़ रुपये था। 777 करोड़ रुपए के ओपनिंग बैलेन्स के साथ राज्य के पास केंद्रीय आवंटन का 3,348 करोड़ रुपए का पक्का कोष मौजूद था। लेकिन राज्य सरकार, उपलब्ध कोष में से सिर्फ 2,053 करोड़ रुपये का ही उपयोग कर सकी।मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश को हाल में लिखे पत्र में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य में ‘जल जीवन मिशन’ को और तीव्रता से आगे बढ़ाने और प्रदेश में नल कनेक्शन से अब भी वंचित परिवारों में से कम से कम एक तिहाई को, यानि 78 लाख ग्रामीण घरों तक इस वित्त वर्ष में नल जल कनेक्शन पहुंचा देने का आग्रह किया है। श्री शेखावत ने मुख्यमंत्री को यह भी सलाह दी है कि राज्य के 60 हजार से ज्यादा गावों में इस वर्ष पेयजल आपूर्ति सम्बंधी परियोजनाओं पर जमीन पर काम शुरू कर दिया जाए।बुंदेलखंड और विन्ध्यांचल की जलापूर्ति परियोजनाओं पर अधिक जोर

केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में, बुंदेलखंड और विन्ध्यांचल में जलापूर्ति परियोजनाओं के काम में तेजी लाने और उनके कार्यान्वयन की मुख्यमंत्री स्तर पर तत्काल समीक्षा करने का भी अनुरोध किया गया है। श्री शेखावत ने इन दोनों क्षेत्रों की परियोजनाओं पर भी विशेष जोर दिये जाने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी 2019 में बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों (सात जिले-झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट) के लिए, तथा पिछले वर्ष नवंबर में विंध्याचल क्षेत्र के मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों के लिए ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने से इन क्षेत्रों के 6,742 गावों के 17.48 लाख घरों और डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचेगा।15वें वित्त आयोग से भी मिला 4,324 करोड़

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के अनुदान के अंतर्गत भी उत्तर प्रदेश को 2021-22 के दौरान 4,324 करोड़ रुपए उपलब्ध हैं। इन पाँच वर्षों में प्रदेश में पंचायतों के लिए, 15वें वित्त आयोग के तहत पानी और स्वच्छता के लिए 22,808 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह राशि, ग्रामीण स्थानीय निकायों पंचायती राज संस्थाओं को जल एवं स्वच्छता कार्यों के लिए निर्धारित है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में इस वृहद् निवेश से न केवल स्थानीय आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ बनेगी। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के व्यापक अवसर भी पैदा होंगे।

‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत, सूखा प्रभावित क्षेत्रों, जल गुणवत्ता प्रभावित गांवों आदि को प्राथमिकता दी गई है। इसी प्राथमिकता के आधार पर इन गांवों व क्षेत्रों के सभी परिवारों को 2021-22 के अंत तक नल से जल उपलब्ध कराया जाना है। राज्य की 53 बसावटों में पानी फ्लोराइड और 124 बसावटों में आर्सेनिक से प्रभावित है। इनमे से ज्यादातर को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स (सीडबल्यूपीपी) के जरिये प्रत्येक व्यक्ति को रोजाना शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। इन सभी बसावटों में रह रहे 2.50 लाख से ज्यादा लोगों इस वर्ष शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नल कनेक्शन के माध्यम से सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार को कहा गया है।गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2019 को लाल किले की प्राचीर से घोषित ‘जल जीवन मिशन’ का लक्ष्य देश के सभी ग्रामीण घरों को 2024 तक नल के जरिये शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराना है। इस मिशन को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की साझेदारी में चलाया जा रहा है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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