एक झलक

दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे का एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम को मिली क्लीन चिट

लखनऊ20अगस्त: दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे को ढेर करने वाली पुलिस की टीम को क्लीन चिट मिल गई है। बिकरू कांड की जांच के लिए बने न्यायिक आयोग ने पुलिस की टीम को क्लीन चिट दी है। इस आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज डॉ बीएस चैहान कर रहे थे। जांच आयोग ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि विकास दुबे और उसके गैंग को लोकल पुलिस के साथ ही जिले के राजस्व और प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण मिला हुआ था।

उनका कहना है कि गैंगस्टर को उसके घर पर पुलिस रेड की जानकारी भी स्थानीय चैबेपुर थाने से ही मिली थी। यूपी सरकार ने जांच आयोग की रिपोर्ट गुरुवार को विधानसभा के पटल पर रखी थी। जांच आयोग ने बिकरू कांड मामले में 132 पेज की रिपोर्ट बनाई है। जिसमें पुलिस और न्यायिक सुधार संबंधी कई सिफारिशें की गई हैं। रिपोर्ट के साथ ही 665 पेज की फेक्चुअल जानकारी भी राज्य सरकार को सौंपी गई है।

बताते चलें कि बिकरू कांड की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन किया गया था। इसमें हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत अग्रवाल और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता भी शामिल थे। कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात को रेड मारने गए 8 पुलिसकर्मियों की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। मामले की जांच के लिए ही आयोग का गठन किया गया था। अब जांच आयोग ने एनकाउंटर करने वाली पुलिस की टीम को क्लीन चिट दे दी है।

मामले की जांच के बाद आयोग ने कहा कि पुलिस पक्ष और घटना से संबंधित सबूतों के खंडन के लिए मीडिया और जनता में से कोई भी सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि विकास दुबे की पत्नी ऋचा ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए एक एफिडेविट दिया था लेकिन आयोग के सामने वह पेश नहीं हुईं। इसीलिए पुलिस पर शक नहीं किया जा सकता। मिजिस्ट्रेट जांच में भी यही निष्कर्ष सामने आया था।

जांच आयोग ने कहा कि संरक्षण मिलने की वजह से ही विकास दुबे का नाम सर्किल टॉप-10 क्रिमिनल्स की लिस्ट में तो शामिल था लेकिन जिले के टॉप-10 क्रिमिनल्स की लिस्ट में नहीं था। जब कि उसके ऊपर 64 आपराधिक मामले दर्ज थे। हैरानी की बात ये है कि पुलिस ने उसके गैंग के सदस्यों को सांप्रदायिक मामले निपटाने के लिए बनाई हुई समिति में शामिल किया हुआ था।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *