राजनीति

प्रियंका के लिए यूपी की लड़ाई कितनी मुश्किल कितनी आसान…

लखनऊ14सितंबर:उत्तर प्रदेश की राजनीतिक में कांग्रेस पार्टी ने अपने सबसे संवेदनशील और चर्चित चेहरे को पार्टी की बागडोर सौंपकर पार्टी की खोए जनाधार को दोबारा हासिल करने की ओर कदम बढ़ाया है। प्रियंका गांधी वाड्रा जनता के बीच कांग्रेस को मजबूती से खड़ा करने के काम को बखूबी अंजाम की ओर ले जा रही हंै। अगर राजनीतिक पंडितों ने कोई गुणा भाग नहीं किया और प्रियंका गांधी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश चुनाव कांग्रेस ने गंभीरता से लड़ लिया तो यह कहना भी झूठ नहीं होगा कि अगली सरकार उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में ही बनेगी। प्रियंका गांधी ने वर्तमान भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ लगातार हर मौकों पर धरना-प्रदर्शन, किसान आंदोलन व सड़क की लड़ाई लड़ी। चाहे वह लखनऊ बाराबंकी व बहराइच का मामला हो या गाजियाबाद का मामला । मथुरा का मामला हो या फतेहपुर का मामला। इसी तरह सीतापुर, बुलंदशहर, ललितपुर हो गोंडा का मामला हो या फिर मेरठ का मामला, हर आंदोलन को के जरिए प्रियंका गांधी ने शिद्दत से गंभीरता के साथ राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर कांग्रेस को सक्रिय करने का काम किया और प्रदेश के सभी नेताओं को बौना साबित कर दिया। अधिकांश कांग्रेश के प्रथम पंक्ति के नेताओं ने लगभग अपनी सहमति जताई है और क्यों न हो कांग्रेस की खोई हुई जमीन और जनाधार वापस लाने की ताकत सिर्फ प्रियंका गांधी में है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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