ताज़ातरीन

महिला सशक्तिकरण का केवल दंभ ही भरती है सरकार

लखनऊ13जुलाई2021:महिला सशक्तिकरण का दंभ भले ही हर सरकार भरती हो… पदों को महिलाओं के लिये आरक्षित कर दी जाती हो पर राजनीति के क्षेत्र में ज़मीनी स्तर पर महिलाओं के लिये बहुत कुछ नहीं बदला है… अपनी आरक्षित सीट से कोई महिला भले ही पार्षद, प्रधान और प्रमुख बन जाती हो…पर जीत के बाद भी उसे चहारदीवारी में ही दुबक कर रहना होता है।

सरकार से लेकर समाज तक…सभी इनके दुबकने को सहजता से स्वीकारे हुये है। यहाँ तक कि सरकारी बैठक में बैठने का बीड़ा भी इनके परिवार का कोई सदस्य उठाता है, जिस पर प्रशासनिक अमला आपत्ति और असहजता जताने के बजाय आराम से प्रधानपति, पार्षदपुत्र और प्रमुखपिता की भूमिका में असंवैधानिक लोगों को स्वीकार कर लेता है। आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी यह पद पाने के बाद भी पति-पुत्र-पिता के लिये पदचिन्ह बनकर रह गयी है।

अपने लेटर पैड के सादे काग़ज़ पर हस्ताक्षर और अंगूठा लगाने से ज़्यादा इनकी कोई हैसियत नहीं होती…इन पदों पर स्त्रियाँ जनप्रतिधि बन तो जाती है, पर ज़्यादातर सीधा प्रतिनिधित्व नहीं पाती। मतलब कुल मिला-जुलाकर पूरी तरह रबर की मोहर बनकर रह जाती है। इनके परिवार का पुरूष ही पद को चलाता है। देखिये अभी कितने वर्ष और शताब्दी लगेंगे इनको अपने पद पर मोहर नहीं बल्कि मुखर होकर पदासीन होने में।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *