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रामलला को झूला झुलाने के साथ संपन्न हुआअयोध्या का प्रसिद्ध सावन झूला मेला

अयोध्या 23अगस्त: ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र सरयू नदी में स्नान करने के बाद पूरे दिन मंदिरों में दर्शन पूजन का क्रम जारी रहा. देर शाम इस 15 दिवसीय महा उत्सव की आखिरी रंगारंग शाम रही. इसमें अयोध्या के मंदिरों में पड़े झूलों पर विराजमान भगवान राम सीता के विग्रहों को भावपूर्ण गीतों के माध्यम से श्रद्धा निवेदित की गई.

तोरी सांवरी सुरतिया मनोहारी रे तोहे देख मैं अपना सब हारी रे..जैसे भावपूर्ण गीतों की प्रस्तुति के साथ राम नगरी अयोध्या में चल रहा 15 दिवसीय सावन झूला मेला सावन पूर्णिमा की शाम समाप्त हो गया. ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र सरयू नदी में स्नान करने के बाद पूरे दिन मंदिरों में दर्शन पूजन का क्रम जारी रहा.

देर शाम इस 15 दिवसीय महा उत्सव की आखिरी रंगारंग शाम रही जिसमें अयोध्या के मंदिरों में पड़े झूलों पर विराजमान भगवान राम सीता के विग्रहों को भावपूर्ण गीतों के माध्यम से श्रद्धा निवेदित की गई. इसके साथ ही अयोध्या के करीब 5000 मंदिरों में चल रहे सावन झूला मेला 2021 का समापन हो गया.

अयोध्या के प्रसिद्ध श्री राम जन्मभूमि, कनक भवन, राम वल्लभा कुंज, दिव्य कला कुंज सहित राम नगरी के सभी मंदिरों में बीते 15 दिनों से सावन झूला मेला उत्सव चल रहा था. इस उत्सव के दौरान मंदिरों में झूले डाले गए थे जिनपर भगवान राम सीता को विराजमान किया गया था. राम नगरी में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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