एक झलक

अभी नहीं मिलेगी महंगाई से राहत! RBI गवर्नर ने बताया कब मिलेगी राहत

9अप्रैल2022

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने खुदरा महंगाई दर अनुमान को बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया. भू-राजनीतिक तनाव के बीच वैश्विक स्तर पर कीमतों में आए उछाल के चलते केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है. हालांकि, रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि रबी की फसल अच्छी रहने से अनाज और दलहनों के दाम नीचे आएंगे.

RBI गवर्नर ने की घोषणा

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजे की घोषणा करते हुए कहा, ‘वैश्विक स्तर पर खाद्य वस्तुओं और धातुओं की कीमतों में उछाल आया है. अर्थव्यवस्था बढ़ती महंगाई से प्रभावित है. 2022-23 में महंगाई दर के 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. पहली तिमाही में यह 6.3 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में पांच प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.1 प्रतिशत रहेगी.’

11वीं बार रेपो रेट में बदलाव नहीं

इससे पहले फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में रिजर्व बैंक ने 2022-23 में मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान लगाया था. रिजर्व बैंक के गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने लगातार 11वीं बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर कायम रखा है.

रबी की फसलों से है उम्मीद

दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, भू-राजनीतिक तनाव की वजह से आर्थिक वृद्धि दर और मुद्रास्फीति के किसी भी अनुमान में जोखिम की संभावना है. हालांकि, रिजर्व बैंक ने उम्मीद जताई है कि रबी यानी सर्दियों की फसल अच्छी रहने से अनाज और दालों की कीमतों को काबू में रखने में मदद मिलेगी.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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