अयोध्या में अफसरों की जमीन खरीद मामले में सरकार ने दिए जांच के आदेश
लखनऊ23दिसम्बर:अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के फैसले के बाद जमीन की कीमतों में उछाल का लाभ उठाकर कुछ अफसरों और समाजसेवियों के जमीन खरीद कर बेचने यह मामले की अब राज्य सरकार जांच कराने जा रही है सीम योगी आदित्यनाथ के जांच के आदेश बाद राजस्व विभाग के विशेष सचिव पूरे मामले की जांच कर 5 दिन के अंदर रिपोर्ट शासन को देंगे,
फरवरी 2020 में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन होने के बाद ट्रस्ट ने करीब 70 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया, इसके बाद यहां जमीन खरीदी के लिए होड़ मच गई, इसमें यहां तैनात अफसरों से लेकर विधायक और मेयर तक शामिल हो गए,
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में तैनात तमाम छोटे-बड़े अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों और उनके पार्टनर्स के नाम पर यहां जमीनें खरीदी,
खरीदारों में स्थानीय विधायक, महापौर और राज्य ओबीसी आयोग के एक सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने अपने नाम पर जमीनें खरीदीं,
इनके अलावा कमिश्नर, उप-मंडल मजिस्ट्रेट, पुलिस उप महानिरीक्षक, सीओ, राज्य सूचना आयुक्त ने रिश्तेदारों के नाम पर जमीनें खरीदी हैं,
अधिकारियों के परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर स्थल के 5 किमी के दायरे में जमीन खरीदी इस मामले में अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने मीडिया से दावा किया कि अगर कोई शिकायत आती है, तो जांच करेंगे,
अभी तक तो कोई शिकायत नहीं आई है, मामला भी मेरे संज्ञान में नहीं है, ऐसे मामलों में किस अधिकारी ने कब और कैसे जमीन खरीदी, अगर इसके सबूत मिलते हैं, तो जांच होगी।
इन लोगों ने खरीदी जमीन
1 – एमपी अग्रवाल, कमिश्नर अयोध्या
एमपी अग्रवाल नवंबर 2019 से अयोध्या के कमिश्नर हैं आरोप है कि इनके ससुर केशव प्रसाद अग्रवाल ने 10 दिसंबर, 2020 को बरहटा मांझा में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 31 लाख रुपए में 2,530 वर्गमीटर जमीन खरीदी,
उनके बहनोई आनंद वर्धन ने उसी दिन उसी गांव में एमआरवीटी से 15.50 लाख रुपए में 1,260 वर्ग मीटर जमीन खरीदी,
कंपनी के रिकॉर्ड बताते हैं कि कमिश्नर की पत्नी अपने पिता की फर्म हेलमंड कॉन्ट्रैक्टर्स एंड बिल्डर्स एलएलपी में पार्टनर हैं।
2 – दीपक कुमार, डीआईजी
अयोध्या 26 जुलाई, 2020 से 30 मार्च, 2021 के बीच दीपक कुमार फिलहाल डीआईजी अलीगढ़ हैं,
इनकी पत्नी की बहन महिमा ठाकुर ने 1 सितंबर, 2021 को बरहटा मांझा में 1,020 वर्गमीटर आरवीटी
से 19.75 लाख रुपए में खरीदा था।
3 – इंद्र प्रताप तिवारी, विधायक, गोसाईगंज, अयोध्या
इन्होंने 18 नवंबर 2019 को बरहटा मांझा में 2,593 वर्ग मीटर एमआरवीटी से 30 लाख रुपए में जमीन खरीदी,
16 मार्च 2021 को उनके बहनोई राजेश कुमार मिश्रा ने राघवाचार्य के साथ मिलकर सूरज दास से बरहटा माझा में 6320 वर्ग मीटर 47.40 लाख रुपए में जमीन ली।
4 – पुरुषोत्तम दास गुप्ता, मुख्य राजस्व अधिकारी
20 जुलाई 2018 से 10 सितंबर 2021 के बीच अयोध्या के मुख्य राजस्व अधिकारी पुरुषोत्तम दास गुप्ता रहे हैं। अब गोरखपुर में एडीएम (ई) हैं,
उनके साले अतुल गुप्ता की पत्नी तृप्ति गुप्ता ने अमरजीत यादव नाम के एक व्यक्ति के साथ साझेदारी में 12 अक्टूबर 2021 को बरहटा मांझा में 1,130 वर्ग मीटर एमआरवीटी से 21.88 लाख रुपए में जमीन खरीदी।
5 – वेद प्रकाश गुप्ता, विधायक, अयोध्या
आरोप है कि विधायक के भतीजे तरुण मित्तल ने 21 नवंबर 2019 को बरहटा मांझा में 5,174 वर्ग मीटर रेणु सिंह और सीमा सोनी से 1.15 करोड़ रुपए में खरीदा था,
29 दिसंबर 2020 को उन्होंने जगदंबा सिंह और जदुनंदन सिंह से 4 करोड़ रुपए में मंदिर स्थल से लगभग 5 किमी दूर, सरयू नदी के पार अगले दरवाजे महेशपुर (गोंडा) में 14,860 वर्गमीटर जमीन खरीदी।
6 – उमाधर द्विवेदी, पूर्व आईएएस अधिकारी
यूपी कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी उमाधर लखनऊ में रहते हैं,
उन्होंने बरहटा मांझा में 23 अक्टूबर 2021 को एमआरवीटी से 39.04 लाख रुपए में 1,680 वर्ग मीटर खरीदा।
7 – ऋषिकेश उपाध्याय, मेयर
मेयर ने अयोध्या फैसले से दो महीने पहले 18 सितंबर 2019 को हरीश कुमार से 30 लाख रुपए में 1,480 वर्ग मीटर जमीन खरीदी,
9 जुलाई, 2018 को परमहंस शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रबंधक के रूप में उन्होंने रमेश से दान के रूप में अयोध्या के काजीपुर चितवन में 2,530 वर्ग मीटर का अधिग्रहण किया,
सरकारी रिकॉर्ड में जमीन की कीमत 1.01 करोड़ रुपए है।
8 – आयुष चौधरी, पूर्व एसडीएम अयोध्या
कानपुर में तैनात आयुष चौधरी की चचेरी बहन शोभिता रानी ने अयोध्या के बिरौली में 5,350 वर्ग मीटर जमीन को 17.66 लाख रुपए में आशाराम से खरीदा था,
यह डील 28 मई, 2020 को हुई, 28 नवंबर, 2019 को शोभिता रानी की संचालित आरव दिशा कमला फाउंडेशन ने दिनेश कुमार से 7.24 लाख रुपए में अयोध्या के मलिकपुर में 1,130 वर्ग मीटर जमीन और खरीदी।
9 – अरविंद चौरसिया, पीपीएस अधिकारी
मेरठ में तैनात 21 जून 2021 को उनके ससुर संतोष कुमार चौरसिया ने भूपेश कुमार से अयोध्या के रामपुर हलवारा उपरहार गांव में 126.48 वर्ग मीटर 4 लाख रुपए में खरीदा,
21 सितंबर 2021 को उनकी सास रंजना चौरसिया ने कारखाना में 279.73 वर्ग मीटर जमीन भागीरथी से 20 लाख रुपए में खरीदी।
10 – हर्षवर्धन शाही, राज्य सूचना आयुक्त
18 नवंबर, 2021 को उनकी पत्नी संगीता शाही और उनके बेटे सहर्ष कुमार शाही ने अयोध्या के सरायरासी मांझा में 929.85 वर्ग मीटर जमीन इंद्र प्रकाश सिंह से 15.82 लाख रुपए में खरीदी।
11 – बलराम मौर्य, सदस्य, राज्य ओबीसी आयोग
इन्होंने 28 फरवरी, 2020 को गोंडा के महेशपुर में जगदंबा और त्रिवेणी सिंह से 50 लाख रुपए में 9,375 वर्ग मीटर जमीन खरीदी।
12 – बद्री उपाध्याय, लेखपाल
गांजा गांव के लेखपाल 8 मार्च, 2021 को उनके पिता वशिष्ठ नारायण उपाध्याय ने श्याम सुंदर से गांजा में 116 वर्ग मीटर 3.50 लाख रुपए में खरीदा,
लेखपाल एक राजस्व अधिकारी होता है जो भूमि लेनदेन से जुड़ा होता है।
13 – सुधांशु रंजन, गांजा गांव के कानूनगो
कानूनगो एक राजस्व अधिकारी हैं जो लेखपालों के काम की निगरानी करता है,
8 मार्च 2021 को रंजन की पत्नी अदिति श्रीवास्तव ने गांजा में 270 वर्ग मीटर जमीन 7.50 लाख रुपए में खरीदी।
14 – दिनेश ओझा, पेशकार
15 मार्च, 2021 को इनकी बेटी श्वेता ओझा ने तिहुरा मांझा में 2542 वर्ग मीटर जमीन खरीदी,
यह गांव भी भान सिंह के दायरे में आता है, महराजदीन से 5 लाख रुपए में उन्होंने यह जमीन खरीदी।
15 – अनुज झा पूर्व जिलाधिकारी अयोध्या
रिपोर्ट में बताया गया है कि अयोध्या के तत्कालीन डीएम अनुज झा के पिता के नाम से मंदिर से एक किलोमीटर दूर ज़मीन ख़रीदी गई,
महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट ने 21 बीघा ज़मीन की जो अवैध ख़रीदारी की थी, उसमें एक दलित की भी ज़मीन है और उसने इसे लेकर शिकायत की है,
झा उन 15 अधिकारियों में से एक हैं, जिनके रिश्तेदारों ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद अयोध्या में ज़मीन ख़रीदी थी,
28 मई 2020 को अयोध्या में मंदिर से लगभग एक किलोमीटर दूर मुग़लपुरा में 320.631 वर्ग मीटर का प्लॉट अनुज झा के पिता बदरी झा के नाम पर रजिस्टर्ड हुआ,इस ज़मीन की क़ीमत 23.40 लाख थी। अनुज झा अयोध्या के डीएम 21 फ़रवरी 2020 से इस साल 23 अक्टूबर तक थे,
अभी अनुज झा राज्य सरकार के पंचायती राज्य में निदेशक हैं और लखनऊ में रहते हैं,
बदरी झा ने आवासीय ज़मीन तुलसीनगर के मंशाराम सिंह से ख़रीदी है, रजिस्ट्री में बदरी झा का पता बिहार के मधुबनी ज़िले के एक गाँव का है।