राजनीति

इरफ़ान सोलंकी से मिलने जेल पहुचें अखिलेश यादव

कानपुर19दिसम्बर :सत्ता में आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने विश्वासघात किया है। प्रदायिक दंगे और कर्फ्यू जैसी स्थिति प्रदेश में कभी नहीं हुई, पुलिस विद्रोह भी कांग्रेस शासन काल में हुआ। प्रदेश में आपराधिक मामले बढ़ते जा रहे हैं। चार सालों में बलात्कार के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने प्रदेश वासियों को कर्ज तले दबा दिया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जेल में बंद विधायक हाजी इरफान सोलंकी से मिलने पहुंचे। अखिलेश इरफान सोलंकी से मिलने अकेले ही जेल के अंदर गए। बाकी सपाइयों को बाहर रोक दिया गया।
प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कानपुर में सपा कार्यकर्ता पिंटू ठाकुर से मुलाकात की। पिंटू ठाकुर ने EVM के विरोध में मार्च में लखनऊ में विधानसभा के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था। इलाज के बाद उनकी जान बच पाई थी। अखिलेश अखिलेश यादव ने पिंटू ठाकुर से मुलाकात के दौरान कहा आत्मदाह करना किसी समस्या का हल नहीं है। किसी भी कार्यकर्ता को ऐसा नहीं करना चाहिए।

इरफान को न्याय दिलाने के लिए सपा लड़ाई लड़ेगी

अखिलेश ने पिंटू के परिजनों से मिलने के बाद यहीं पर रोमिल के घरवालों से मुलाकात की। उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। इससे पहले अखिलेश ने कानपुर जिला जेल में बंद सपा नेता इरफान सोलंकी से मुलाकात की। उनके साथ एमएलए अमिताभ बाजपेई, एमएलए हसन रूमी, पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला, सतीश निगम, एमएलए अतुल प्रधान मौजूद थे। 40 मिनट तक बातचीत हुई। इस दौरान अखिलेश ने इरफान पर दर्ज मुकदमों और कार्रवाई को झूठा बताया। उन्होंने कहा कि इरफान को न्याय दिलाने की लिए पार्टी संघर्ष करेगी।

अखिलेश यादव से मांगी थी मदद

अखिलेश यादव सपा कार्यकर्ता पिंटू यादव के घर आने से पहले कानपुर देहात के सरैया गांव गए थे। यहां उन्होंने पुलिस कस्टडी में मारे गए बलवंत के पिता और पत्नी से मुलाकात की। उन्होंने मृतक के परिजनों के लिए सरकार से 1 करोड़ रुपए का मुआवजा और पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की। बलवंत की पत्नी शालिनी ने रविवार को अखिलेश को लेटर लिखकर मदद मांगी थी। शालिनी ने खुद को अखिलेश की छोटी बहन बताया था।

लेटर में शालिनी ने लिखा था…

“मैं आपकी छोटी बहन हूं। आपको मेरी मदद करने मेरे घर आना होगा। मेरे पति को पुलिस हिरासत में मार दिया गया। मेरा निवेदन है कि आप मेरे घर आएं। मेरी आवाज को बुलंद करें। मेरे पति की मौत के मामले में मुझे न्याय दिलाने के लिए मेरे साथ खड़े हों। मैं आपकी आभारी रहूंगी।”

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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