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उत्तर प्रदेश में नगर पंचायतों का कार्यकाल समाप्त, जारी किया गया आदेश

लखनऊ 13दिसम्बर :नगर निकाय चुनाव में हो रही देरी को देखते हुए शासन ने निकायों के संचालन की व्यवस्था प्रशासकों के हाथ में देने का फैसला किया है। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।शासनादेश में कहा गया है कि 12 दिसंबर के बाद जिन निकायों का कार्यकाल खत्म होता जा रहा है उन निकायों के प्रबंधन की व्यवस्था नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी संभालेंगे। बता दें कि नगर निकाय निगम अधिनियम के मुताबिक निकायों के गठन के बाद महापौर अध्यक्ष का कार्यकाल 5 साल का होता है। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद निकायों के कार्यकाल की गणना बोर्ड की पहली बैठक के दिन से होती है। इस प्रकार तमाम ऐसे निकाय है जिनका कार्यकाल 12 दिसंबर से ही खत्म होना शुरू हो चुका है। उधर निकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने और नगर निकायों के गठन होने में अभी कम से कम एक महीने से अधिक का समय लग सकता है। ऐसे में नगर निकायों का कार्य प्रभावित न होने पाए इसलिए शासन ने सभी जिलाधिकारियों को उन निकायों का प्रशासक नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं जिन निकायों में महापौर या अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म हो गया है।वहीं, मंगलवार को ही इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी है। निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की घोषणा की जा चुकी है पर इस पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने पर कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है। मामले पर बुधवार को भी सुनवाई होगी। मामले में निर्णय आने के बाद नगर निकाय चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की जाएगी।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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