उ प्र पावर कार्पोरेशन के शक्तिभवन में तबादला ऐक्सप्रेस मे हो रही अनियमित पर सबसे बड़केबाबू की रहस्यमय खामोशी क्यो ?
लखनऊ 28 जुलाई: उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन और उसके सहयोगी संस्थानो मे इन दिनो बडे पैमाने पर ट्रान्सफर पोस्टिग हो रही है लेकिन इस ट्रान्सफर पोस्टिग के खेल मे हो रही अनियमिता पर उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के सबसे बड़केबाबू की रहस्यमय खामोशी समझ के परे है चर्चा यहाँ तक है कि मध्यांचल , पूर्वांचल , पश्चिमाचल , केस्को और दक्षिणाचल विद्युत वितरण निगम के साथ साथ ट्रांसमिशन कार्पोरेशन , उत्पादन निगम व जल विद्युत मे भी बडे पैमाने पर ट्रान्सफर पोस्टिग हुई परन्तु शक्तिभवन मुख्यालय मे वर्षो से जमे बैठ किसी भी अधिकारी कर्मचारी को हिलाया तक नही गया और तो और इनको वर्षो से किसी अध्यक्ष ने हटाने का साहस नही किया आखिर क्यो शक्तिभवन मुख्यालय मे बैठे व्यक्तियो के ट्रान्सफर नही होते क्यो इन पर ट्रांसफर पालिसी लागू नही होती और इनकी वेतन भी फील्ड मे तैनात अधिकारियो से ज्यादा होता है।
वैसे तो बडकऊ छोटी छोटी बातो पर लोगो को सेवा मुक्त कर देते है परन्तु उनको अपने ही कार्यालय शक्तिभवन मे वर्षो से जमे लोग नही दिखाई देते ।
क्या उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के यह कर्मचारी नही है क्या इनके लिए नियम कानून अलग क्यो है क्या इनके हटाए जाने से शक्तिभवन मुख्यालय मे ऐसा कौन सा भूकंप आ जाएगा जो इनके ऊपर आज तक कोई कार्रवाई नही होती या तो यहाँ तैनात लोगो उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार मे शामिल रहते है या फिर इनकी योगदान भ्रष्टाचार को बढावा दाने मे अतुलनीय होता है और इनके जरिए भ्रष्टाचार छिपाया जाता है कुछ अभियन्ता तो वर्षो से यही जमे हुई है और उनके भ्रष्टाचारी कारनामो की चर्चा अक्सर होती रहती है परन्तु उन पर कृपा दृष्टि बनी हुई है मीडिया मे चर्चा है कि अध्यक्ष महोदय एक खास वर्ग पर विशेष कृपा कर रखी है अपने चहेतो को कई चार्ज दे रखे है प्रमाणित भ्रष्टाचार होने के बाद भी खानापूर्ती करने के लिए कार्यवाही की गयी इसी तरह पावर कार्पोरेशन के मुख्यालय शक्तिभवन मे तो भ्रष्टाचारियो का बोल बाला है।
परन्तु शक्तिभवन मुख्यालय मे अवैध रूप से बैठे बड़केबाबू यानि अध्यक्ष की रहस्यमय खामोशी समझ के पर है क्या इमानदारी की चादर ओढ कर कही भ्रष्टाचार को बढावा देने का खेल तो नही चल रहा । क्या स्वास्थ्य विभाग की तरह यहाँ पर भी बडकऊ के इशारे पर हो रही है अनियमिताऐ ।