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कुतुबमीनार परिसर में 1200 साल पुरानी मूर्ति की हुई पहचान, बताई जा रही नरसिंह भगवान और भक्त प्रह्लाद की

नयी दिल्ली17मई:पिछले तकरीबन 2 महीने से दिल्ली का कुतुब मीनार देशभर में चर्चा में है, क्योंकि यहां पर हिंदू धर्म से संबंधित देवी-देवताओं की मूर्तियों के मिलने की बातें सामने आ रही हैं। अब ताजा जानकारी के मुताबिक, कुतुबमीनार परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के एक खंभे में मूर्ति लगी है। इसे वर्षों से पहचानने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन अब पुरातत्वविद धर्मवीर शर्मा ने इस मूर्ति की पहचान नरसिंह भगवान और भक्त प्रह्लाद की मूर्ति के रूप में की है। धर्मवीर शर्मा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) में क्षेत्रीय निदेशक रहे हैं, उनका दावा है कि यह मूर्ति आठवीं-नौवीं सदी में प्रतिहार राजाओं के काल की है। इसे वर्षों से पहचानने की कोशिश की जा रही थी, काफी दिनों के प्रयास के बाद अब पुरातत्वविद ने इस मूर्ति की पहचान की है। दावा किया जा रहा है कि मूर्ति 1200 पुरानी है, यह प्रतिहार राजाओं या राजा अनंगपाल के समय की है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा ने इसकी पहचान की है। उनका दावा है कि मूर्ति आठवीं या नौवीं शताब्दी की है। उस समय प्रतिहार राजाओं व राजा अनंगपाल प्रथम का समय था।प्रतिहार राजाओं में मिहिर भोज सबसे प्रतापी राजा हुए हैं। इस मूर्ति के चित्र देश के मूर्धन्य पुरातत्वविदों को विशेष अध्ययन के लिए भेजे गए हैं। उनका कहना है कि यह नरसिंह भगवान की दुर्लभतम प्रतिमा है अन्य कहीं इस तरह की मूर्ति नहीं मिलती है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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