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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मतदाता सूची से आधार को जोड़ने की अनुमति

15दिसंबर2021

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चुनाव सुधार संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसमें स्वैच्छिक रूप से मतदाता सूची से आधार को जोड़ने की चुनाव आयोग को अनुमति देने का प्रस्ताव शामिल है. मंत्रिमंडल की ओर से मंजूर विधेयक के मुताबिक चुनाव संबंधी कानून को सैन्य मतदाताओं के लिए लैंगिक निरपेक्ष बनाया जाएगा. इसके तहत एक अन्य प्रावधान में युवाओं को मतदाता के रूप में प्रत्येक वर्ष चार तिथियों को पंजीकरण कराने की अनुमति देने की बात कही गई है. अभी एक जनवरी या उससे पहले 18 वर्ष के होने वालों को मतदाता के रूप में पंजीकरण की अनुमति दी जाती है अगस्त 2019 में, चुनाव आयोग ने आधार संख्या के साथ आईडी कार्ड को जोड़ने सहित संशोधनों का प्रस्ताव रखा था. इसके जरिए अलग-अलग स्थानों पर एक ही व्यक्ति के कई नामांकन पर अंकुश लगाने की बात कही गई. यह चुनाव आयोग का लंबे समय से लंबित प्रस्ताव है. 2015 में जब चुनाव आयोग ने आधार नंबर को वोटर आईडी नंबर से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय चुनावी कानून शुद्धिकरण और प्रमाणीकरण कार्यक्रम शुरू किया, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कार्यक्रम रुक गया था. दरअसल, शीर्ष अदालत ने कहा था कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार का उपयोग वैकल्पिक होगा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कानून मंत्रालय ने प्रस्ताव पर 2020 में काम करना शुरू किया था. उस समय रविशंकर प्रसाद मंत्री थे. इस साल अगस्त में मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद को सूचित किया कि सरकार चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. मंत्री ने लिखित जवाब में कहा, ‘तमाम हितधारकों से परामर्श करने के बाद आयोग ने चुनावी सुधारों के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए अपनी 244वीं और 255वीं रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ आरोप तय होने पर चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराना, चुनाव वित्त और ऑपीनियन पोल्स और पेड न्यूज पर प्रतिबंध आदि शामिल हैं

वहीं, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने रुपे डेबिट कार्ड और कम राशि वाले (2,000 रुपये तक) भीम-यूपीआई लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत सरकार द्वारा अधिग्रहण करने वाले बैंकों को रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई भुगतान के माध्यम से किए गए लेन-देने के मूल्य (पी2एम) का प्रतिशत भुगतान करके प्रोत्साहित किया जाएगा. इस योजना का 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी एक वर्ष की अवधि के लिए अनुमानित वित्तीय परिव्यय 1,300 करोड़ रुपये है.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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