एक झलक

कोरोना से ‘मर’ चुका शख्स मुआवजे के समय हुआ ‘जिंदा’, बेटा बोला – मैं ज़िंदा हूं

10फरवरी2022

इंदौर में कोरोना मृत्य मुआवजे में बड़े घोटाले का संकेत मिल रहा है. यहां एक अजब मामला सामने आया है. एक शख्स को कोरोना में मृत बताकर उसके नाम पर सरकारी मुआवजा वसूलने की तैयारी की जा रही थी. लेकिन ऐन वक्त पर वही व्यक्ति कलेक्ट्रेट में आ पहुंचा और बोला- मैं ज़िंदा हूं.

इंदौर में एक जीवित व्यक्ति को मृत बताकर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जमा कर दिया गया. मौत का कारण कोरोना बताया गया और मुआवजा राशि के लिए आवेदन कर दिया, पोल तब खुली जब पटवारी ने वेरिफिकेशन के लिए फोन किया, जिसे मृत बताया गया था उसके बेटे ने कहा पिताजी तो जिंदा हैं. मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन जांच कर रहा है.

ये मामला सांवेर में रहने वाले जानकीलाल का है. उनके और उनके बेटे अभिषेक के पैरों तले उस वक़्त जमीन खिसक गई जब उन्हें पता चला कि जानकीलाल को मृत बताकर राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली अनुग्रह राशि के लिए आवेदन किया गया है, अभिषेक के पास इंदौर कलेक्टर कार्यालय से पटवारी का फोन आया कि उनके पिता की कोविड से मृत्यु के बाद राज्य सरकार ने अनुग्रह राशि के लिए दिया गया आवेदन स्वीकृत कर दिया है, राशि खाते में जमा कराने के लिए जरूरी दस्तावेज लेकर पहुंचें. पटवारी की बात सुनकर पहले तो अभिषेक को यकीन नहीं हुआ कि वह उनके पिता के बारे में ही बात कर रहे हैं.

पटवारी का फोन सुनकर जानकीलाल का बेटा अभिषेक भागा-भागा कलेक्टर कार्यालय पहुंचा. वहां सच में उनके पिता की मृत्य का सर्टिफिकेट देकर अनुग्रह राशि के लिए आवेदन दिया गया था. आवेदन में अभिषेक के पिता जानकीलाल की कोविड रिपोर्ट के साथ ही नगर निगम की ओर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र भी लगाया गया था. इतना ही नहीं अभिषेक का आधार कार्ड, बैंक पासबुक भी इस आवेदन के साथ जमा किए गए थे साजिश पता चलते ही अभिषेक अपने पिता जानकीलाल और भाई हितेश के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचा. अपर कलेक्टर पवन जैन ने मामले की जांच का आदेश दे दिया है. साथ ही सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं जिससे ये पता चल सके कि आवेदन किसने किया था.

जानकीलाल को आशंका है कि उन्हीं के किसी परिचित या रिश्तेदार की यह हरकत होगी. पटवारी के फोन आने के बाद वह समय रहते कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए और शिकायत की. अब अधिकारियों को इस प्रकरण के उजागर होने के बाद आशंका है कि और भी इस तरह के कई फर्जी आवेदन हो सकते हैं. अब अफसर नए सिरे से सभी दस्तावेज और प्रकरणों का सत्यापन करवाएंगे,उसके बाद जी राशि स्वीकृत होगी एडीएम पवन जैन के मुताबिक सुनवाई के दौरान एक प्रकरण आया था,जिसमें जीवित शख्स को मृत बताकर कोरोना अनुग्रह राशि के लिए आवेदन किया गया है. इसमें फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र और फर्जी कोविड पॉजिटिव की रिपोर्ट लगायी गई थी. फिलहाल प्रकरण को रुकवा दिया गया है ,अनुग्रह राशि रुकवा कर मामले की जांच शुरू की गई है, आवेदन किसने किया था उसके लिए सीसीटीवी से पता किया जाएगा.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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