एक झलक

चिन्ता स्वयं में एक मुसीबत है और चिन्तन उसका समाधान

18सितंबर2021

चिन्ता स्वयं में एक मुसीबत है और चिन्तन उसका समाधान, चिन्तनशील व्यक्ति के लिये कोई न कोई मार्ग अवश्य मिल जाता है। मनुष्य जीवन जीने के दो रास्ते हैं चिन्ता और चिन्तन यहाँ पर कुछ लोग चिन्ता में जीते हैं और कुछ चिन्तन में चिन्ता में हजारों लोग जीते हैं और चिन्तन में दो-चार लोग ही जी पाते हैं। चिन्ता स्वयं में एक मुसीबत है और चिन्तन उसका समाधान आसान से भी आसान कार्य को चिन्ता मुश्किल बना देती है और मुश्किल से मुश्किल कार्य को चिन्तन बड़ा आसान बना देता है।

जीवन में हमें इसलिए पराजय नहीं मिलती कि कार्य बहुत बड़ा था अपितु हम इसलिए परास्त हो जाते हैं कि हमारे प्रयास बहुत छोटे थे हमारी सोच जितनी छोटी होगी हमारी चिन्ता उतनी ही बड़ी और हमारी सोच जितनी बड़ी होगी, हमारे कार्य करने का स्तर भी उतना ही श्रेष्ठ होगा। किसी भी समस्या के आ जाने पर उसके समाधान के लिये विवेकपूर्ण निर्णय ही चिन्तन है। चिन्तनशील व्यक्ति के लिये कोई न कोई मार्ग अवश्य मिल भी जाता है। उसके पास विवेक है और वह समस्या के आगे से हटता नहीं अपितु डटता है।

समस्या का डटकर मुकाबला करना आधी सफलता प्राप्त कर लेना है। अगर आप आध्यात्मवादी हैं तो फिर चिन्तन करिए उस पावन प्रभु का प्रभु नाम में विश्वास से उस समय आपके षडविकार दूर हो जाते हैं और विवेक उत्पन्न होता है वह विवेक ईश्वर की कृपा से आपके मन में उत्पन्न होता है और उसी विवेक से चिन्ता का निवारण हो जाता है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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