धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन होता है
वाराणसी22अक्टूबर :धनतेरस यानी अपने धन, भाग्य और आरोग्य को तेरह गुणा बनाने और उसमें वृद्धि करने का दिवस कार्तिक मास में त्रयोदशी धनतेरस का विशेष महत्व है विशेषत: व्यापारियों और चिकित्सा एवं औषधि विज्ञान के लिए यह दिन अति शुभ माना जाता है।
धनतेरस का असली नाम धन्वन्तरि त्रयोदशी है। यह एक आरोग्य पर्व है दीपावली से दो दिन पूर्व धन्वंतरी जयंती मनाई जाती है।
महर्षि धन्वंतरी को आयुर्वेद व स्वस्थ जीवन प्रदान करने वाले देवता के रूप में भी पूजनीय है, स्वस्थ जीवन के लिए स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरी की आराधना की जाती है।
भगवान धन्वंतरी हर प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाते हैं अत: धनतेरस के दिन किसी भी प्रकार की व्याधि से पीड़ित व्यक्ति को धन्वंतरी स्तोत्र का पूरी श्रद्धा से पाठ करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार भगवान धनवंतरी देवताओं के वैद्य हैं। इनकी भक्ति और पूजा से आरोग्य सुख यानी स्वास्थ्य लाभ मिलता है मान्यता है कि भगवान धनवंतरी विष्णु के अंशावतार हैं
संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धनवंतरी का अवतार लिया था।
धनवंतरि की पूजा
भगवान धनवंतरि का आह्वान निम्न मंत्र से करें-
सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।
गूढं निगूढं औषध्यरूपं, धनवंतरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।
रोगनाश की कामना के लिए इस मंत्र का जाप करें-
ऊँ रं रूद्र रोगनाशाय धन्वन्तर्ये फट्।।
आप सभी के उत्तम स्वास्थ्य की शुभकामनाओं सहित पुनः आपको धन्वंतरि त्रयोदशी की हार्दिक शुभकामनाएं
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत।
ऊँ शान्तिः शान्तिः शान्तिः
सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो,भवतुः स्वव् मङ्गलं
अपना देश, अपनी सभ्यता, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा, अपना गौरव।