धर्म नगरी काशी में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया गोपाष्टमी पर्व
वाराणसी01नवंबर धर्म की नगरी काशी में गोपाष्टमी का पर्व पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस दौरान गोमाता का श्रृंगार किया गया। उनका षोडशोपचार विधि से पूजन-अर्चन की गई। श्रद्धालुओं ने गौमाता को चारा खिलाकर समाज के सुख-समृद्धि की कामना की।
गोशालाओं में सुबह गोमाता को स्नान कराकर रंग-बिरंगी चुनरी का वस्त्र पहनाया गया। उनका विधिवत श्रृंगार के बाद षोडशोपचार विधि से पूजा की गई। आरती उतारने के बाद चारा खिलाया गया। मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन गो सेवा का विशेष पुण्य मिलता है।
मणि मंदिर के महंत ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान श्रीकृष्ण पहली बार गोचारण के लिए गए थे। इसलिए उसी समय से गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। भारत के सांस्कृतिक, धार्मिक व आर्थिक केंद्र में गोमाता हैं। स्वामी करपात्री जी ने कहा था कि जब तक गोमाता का सम्मान व संरक्षण नहीं होगा, तब तक भारत की दुर्दशा दूर नहीं होगी। उन्होंने गो हत्या पर पूरी तरह से प्रतिबंध की मांग की थी। हालांकि अभी तक इसका लागू न होना दुखद है। यदि देश इस पर अमल करेगा तो निश्चय रूप से भारत पुनः विश्व गुरु की पद्वी पर कायम होगा।