नाबालिग से शादी के बाद सहमति से बना शारीरिक संबंध भी माना जाएगा दुष्कर्म: हाइकोर्ट
प्रयागराज14अक्टूबर :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए नाबालिग लड़कियों के लिए एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि यदि नाबालिग के साथ उसकी सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध का कोई महत्व नही है।
नाबालिग से शादी के बाद समहति से बनाया गया शारीरिक संबंध भी अपराध की श्रेणी में आता है। इसी फैसले के आधार पर कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को राहत देने से इंकार कर दिया। बता दें कि कोर्ट में आरोपी द्वारा याचिका दी गई थी कि पहले नाबालिग की सहमति से उससे शादी की और फिर सहमति से ही शारीरिक संबंध बनाए हैं।
कोर्ट ने खारिज की याची की अर्जी
इस याचिका को और उसकी दलील को जस्टिस सुधारानी ठाकुर की सिंगल बेंच ने स्वीकार नहीं किया। अदालत ने आरोपी को दुष्कर्म का अपराधी मानते हुए उसकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। अलीगड़ के रहने वाले प्रवीण कश्यप की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। अलीगढ़ के लोढ़ा थाने मे आरोपी के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है। याची के वकील ने तर्क देते हुए कहा कि लड़की ने पुलिस और कोर्ट के सामने दिए गे बयान मे कहा था कि उसने अपनी मर्जी से आरोपी के साथ शादी की और उसके घर गई थी।
सरकारी वकील ने याची के अधिवक्ता की दलील का किया विरोध
नाबालिग लड़की की सहमति से दोनों ने शारीरिक संबंध बनाए थे। दोनों पति-पत्नी की तरह साथ मे रह रहे थे। याची अधिवक्ता की इस दलील का विरोध करते हुए सरकारी वकील ने अदालत को प्रमाण देते हुए कहा कि स्कूल द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र से घटना के दिन लड़की की उम्र 17 वर्ष थी और वह नाबालिग है। इसलिए नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नही होता है। इसके बाद अदालत ने अपना फसला सुनाते हुए कहा कि भले ही नाबालिग ने अपनी मर्जी से घर छोड़ा और शादी की। लड़की की सहमति के साथ दोनों मे शारीरिक संबंध बने हों, लेकिन इसके बाद भी कानून की नजर मे नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नही है। इसे अपराध की श्रेणी मे ही रखा जाएगा। यह कहकर अदालत ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।