एक झलक

पिता की संपत्ति पर पुत्र ने किया दावा हाईकोर्ट ने कहा अपने बनाए घर में रहो

प्रयागराज22दिसम्बर:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में संपत्ति के विवाद के मामले में बेटे को पिता के घर में रहने की इजाजत नहीं दी है। कोर्ट ने कहा कि बेटा अपने बनाए मकान में रहे। वह पिता के मकान में नहीं रह सकता है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की दो जजों की खंडपीठ ने वंदना सिंह और शिव प्रकाश सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व पांच अन्य के मामले में दिया है।

कोर्ट ने मामले में अभी तक स्थगन आदेश पारित किया था। मंगलवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम-2007 की धारा 21 के तहत पिता के अधिकारों को सुरक्षित करते हुए पुत्र को उनके घर में रहने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने मामले में कहा कि पुत्र का मकान दूसरे स्थान पर है। वह पिता के मकान को छोड़ दे और अपने मकान में रहे। मामले में कोर्ट ने पुत्र को केवल इतनी राहत की दी कि वह पिता के मकान में जिस कमरे में रह रहा था, उसमें ताला बंद कर सकता है,

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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