पूर्वांचल

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के जानपद (सिविल) के टेण्डर घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिये शपथ पत्र दाखिल

वाराणसी 17 नवंबर : पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के जानपद सिविल लगातार विगत कई वर्षों से भ्रष्टाचार की सुर्खियों में रहने के बाद भी पूर्वांचल के लुंज पुंज अनुभवहीन प्रबन्धन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही ना करना पूर्वांचल प्रबन्धन की कार्यशैली पर एक गम्भीर प्रश्न चिन्ह बनकर उभरते है। पाठको समक्ष एक अभूतपूर्व घटनाक्रम भी रखना चाहते है कि पूर्व मे एक मुख्य अभियन्ता जो कि शक्तिभवन मुख्यालय मे तैनात थे उनके ऊपर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के जानपद मे हो रहे घोटालो की जाॅच की जिम्मेदारी सौपी गयी थी वो आये तो यहाॅ पर घोटालेबाजो के द्वारा किये गये घोटाले की जांच करने और जनाब ने वापस जा मुख्यालय जा कर जाच रपट सौपी तत्पश्चात फौरन ही मुख्य अभियन्ता जानपद बन कर वापस पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे डेरा डाल दिया अब पाठक खुद ही समझ सकते है कि उस रपट मे कितनी इमानदारी रही होगी और कितनी मलाई इस पोस्टिग मे होगी जो जनाब बिना समय गवाए फौरन पोस्टिग करा के पूर्वांचल पहुंच जाते है ।

उदाहरण के तौर पर ताजा मामला विभाग द्वारा जानपदीय निर्माण कार्य में विगत दो वर्षों जो भी कार्य कराए गए उसमें हुई वित्तीय अनियमितता इन दिनों सुर्खियों में होने के बावजूद डिस्कॉम प्रबन्धन द्वारा इस घोटाले को दबाने की पुरजोर कोशिश की जाती नजर आ रही है सिविल डिवीजन के जनपदीय कार्य 2020 एवं 2021 अक्टूबर तक जो भी कार्य कराए गए हैं उसमें विभाग को पूर्व अधीक्षण अभियंता एवं वर्तमान मुख्य अभियंता द्वारा विभाग को बड़े पैमाने पर वित्तीय क्षती पहुचने के पुष्ट एवं स्पष्ट साक्ष्य होने के बावजूद समूचा प्रबन्धन आँख में तेल और कान बन्द की मुंद्रा में नजर आ रहा है पाठको को बताते चले कि विगत दिनों इस घोटाले से समय का उपभोक्ता समाचार के प्रबन्ध सम्पादक द्वारा प्रबंधनिदेशक से मुलाकात कर जानपद के निविदाओ में हो रहे घोटाले की समूची कहानी से अवगत कराया गया था परन्तु प्रबंधनिदेशक द्वारा इतने गम्भीर वित्तीय अनियमितता और घोटाले पर कार्यवाही करने के बजाय जानपद के वर्तमान अधीक्षण अभियंता द्वारा आनन फानन में जानपदीय कार्यो को कराने के लिए नया रेटशेड्यूल जारी किया गया परन्तू सवाल यह उठता है कि विगत वर्षों में घोटाले के जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्यवाही क्यो नही हुवी प्रबन्धन की इस उदासीनता को देखते हुए इस घोटाले का खुलासा करने वाले पत्रकार द्वारा पूर्वांचल के प्रबंधनिदेशक को समूचे घोटाले के प्रमाण के साथ शपथ पत्र भी दाखिल कर तत्काल जांच कराने की मांग की गयी है अब देखना यह है कि इन मौसेरे भाईयो पर कार्यवाई कब तक होती है या यह भी घोटाला ठंडे बस्ते मे चला जाता है वैसे बडकाऊ के प्रिय चादी के जूते मारने व खाने वाले मशहूर भ्रष्टाचारी जो इस खेल के मुख्य सूत्रधार थे वो तो फिलहाल सेवानिवृत्त हो चैन की बन्सी बजा रहे है देखना है कि अब उनसे वसूली कैसे होती या होती है भी कि नही । खैर

 

युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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