पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में ओटीएस स्किम में बड़े घोटाले की आशंका
वाराणसी 03 नवंबर: उ प्र के बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लायी गयी ओटीएस स्किम यानि कि एक मुश्त समाधान योजना में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में एक मुश्त घोटाले की संभावना जताई गयी है मजे की बात है कि हमेशा होने वाले घोटाले की शिकायते शिकायतकर्ता द्वारा की जाती थी परन्तु इस बार के घोटाले की आशंका स्वयं उ प्र पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने 27 नवंबर की वीडियो कांफ्रेंसिंग में वाराणसी क्षेत्र के अंर्तगत आने वाले वितरण की वसूली पर आशंका व्यक्त की है क्योंकि जिस प्रकार की वसूली के आंकड़े सामने आए हैं वह चौकाने वाले हैं एक मुश्त समाधान योजना में 66: 67 करोड़ रुपये उपभोक्ता द्वारा प्राप्त हुए और 76:90 करोड़ रुपये अधिभार में माफ कर दिये गये यानी वसूली कम और व्याज माफी के नाम पर छूट की गयी रकम ज्यादा होना UPPCL प्रबन्धन के गले नही उतरा जिस पर अवैध रूप से नियुक्त बडका बाबू ने तत्काल जांच करने का निर्देश दिया वैसे जो बात पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे बैठे बडकाऊ को पकडनी चाहिए थी उसे पकडा सबसे बडे बाबू जी ने तो क्य पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे बैठे बडकाऊ सिर्फ वेतन लेने के लिए है या कुछ काम भी करते है ।
वैसे इस घोटाले में एक बीमा कम्पनी के एजेन्ट के रूप में काम करने वाले अधीक्षण अभियंता रडार पर
इस घोटाले की आशंका पर जांच करने के सम्बंध में तत्कालिक सेवा मुक्त हुए मुख्य अभियंता ने 29 नवंबर को अपने पत्र सख्या 5306 के माध्यम से नगरी विधुत मंडल प्रथम वाराणसी को निर्देशित भी किया था कि आपके मंडल सभी वितरण खंडों में भारी गड़बड़ी की आशंका है क्योंकि 12.’37 करोड़ का भुगतान विभाग को प्राप्त हुआ है जिसके सापेक्ष मे 16.67 करोड़ की धनराशि अधिभार में समायोजित की गयी है यानी वसूली कम छूट ज्यादा मुख्य अभियंता ने तत्काल वितरण मंडल प्रथम के सभी वितरण खंडों की 3 माह एवं ओटीएस योजना सम्बंधित पत्रावली तत्काल जांच हेतु प्रेषित करे । परन्तु अब देखना है कि देव दिवाली पर नोका बिहार का आनन्द और राजशाही ठाठ से सेवा देने वाले अधीक्षण अभियंता एवं रंगबाज अधिशासी अभियंता की देव दिवाली की सेवा की आड़ में इस गड़बड़ घोटाले से पर्दा उठता है या सेवादारों की सेवा में भ्रष्टाचार का मैल गंगा मइया में विसर्जित होता है। वैसे भी सईया भये कोतवाल तो डर काहे का । इस सम्बंध मे जब हो रही कार्रवाई के बारे मे पूर्वांचल विधुत वितरण निगम के प्रबंधनिदेशक उर्फ पूर्वांचल के बडका बाबू को फोन कर वस्तुस्थिति जाननी चाही तो हमेशा की तरह जनाब का फोन नही उठा क्या फोन ना उठाने से जिम्मेदारीयो से बचा जा सकता है अगर बडका बाबू को इस विभाग मे हो रहे दिन प्रतिदिन घोटालो के बारे अखबारनवीसो को बताने मे शर्म महसूस होती है तो वो इस महत्वपूर्ण पद से त्यागपत्र दे के घर बैठे । खैर
युद्ध अभी शेष है