पूर्वांचल

पूर्वांचल विधुत वितरण निगम में अभियंताओ एवं जूनियर इंजीनियरो सविनय अवज्ञा आंदोलन के11वे दिन एमओयू की प्रतियां जलाकर किया विरोध

 

ऊर्जा निगमों में औद्योगिक शान्ति का वातावरण प्रदान करने हेतु मा0 ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा जी से हस्तक्षेप की अपील

वाराणसी30मार्च:उप्र के ऊर्जा निगम प्रबन्धन द्वारा अभियन्ताओं पर अव्यवहारिक एवं असम्भव लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए प्रबन्धन द्वारा एकतरफा तैयार किये गये एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य करने से अभियन्ताओं में रोष एवं आक्रोश और बढ़ गया है जिसके विरोध में विगत 11 दिन से चल रहे सविनय अवज्ञा आन्दोलन में एमओयू की प्रतियों की होली जलाकर विरोध किया गया तथा मांग की गयी कि प्रबन्धन पहले मानक के अनुरूप आवश्यक मैन, मनी एवं मैटीरियल उपलब्ध कराये। उन्होंने प्रबन्धन एवं अधीनस्थ विभागीय कार्मिकों के मध्य इस प्रकार के एमओयू साइन कराने पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए इसे औचित्यहीन करार दिया। विदित हो कि उप्र के ऊर्जा निगमों में शीर्ष स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार तथा प्रबन्धन द्वारा तानाशाहीपूर्ण ढंग से अन्याय व उत्पीड़न किये जाने के विरोध में विगत 11 दिन से सभी ऊर्जा निगमों के अभियन्ता व अवर अभियन्ता सविनय अवज्ञा/असहयोग आन्दोलन कर रहे हैं जिसके तहत आगामी 04, 05 एवं 06 अप्रैल को सभी जूनियर इंजीनियरों एवं अभियन्ताओं ने सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने की घोषणा की है। इस क्रम में प्रार्थना पत्रों को एकत्र किये जाने का सिलसिला जारी है एवं लगभग 6000 प्रार्थना पत्र एकत्र हो चुके हैं।

उप्र के बिजली अभियन्ताओं एवं जूनियर इंजीनियरों ने प्रदेश में मा0 योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व वाली नई सरकार के ऊर्जा मंत्री मा. ए के शर्मा जी से प्रदेश की जनता को बेहतर उपभोक्ता सेवा एवं सुचारू विद्युत आपूर्ति प्रदान करने हेतु ऊर्जा निगमों में व्याप्त नकारात्मक, दण्डात्मक, उत्पीड़नात्मक कार्य प्रणाली को समाप्त कर मनोबल बढ़ाने वाली प्रोत्साहनात्मक व स्वस्थ कार्य प्रणाली प्रदान करने हेतु सार्थक हस्तक्षेप किये जाने की अपील की है।

संगठन के पदाधिकारियों ने आज जारी बयान में बताया कि उ0प्र0 के ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन द्वारा ईआरपी प्रणाली खरीद एवं बिजली क्रय करने में उच्च स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। ईआरपी प्रणाली पर अरबों रूपये खर्च करने के बाद भी विभागीय कार्यप्रणाली अनुरूप नहीं है, ना ही इसका समुचित प्रशिक्षण दिया गया है और न ही इसके क्रियान्वयन हेतु आवश्यक मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मैन पावर दी गयी है। इसके बावजूद निजी कम्पनी द्वारा कारपोरेशन को दिये गये सॉफ्टवेयर के अनुरूप ही दबाव डालकर अभियन्ताओं को कार्य करने हेतु बाध्य किया जा रहा है।

पदाधिकारियों ने आगे बताया कि ऊर्जा निगमों में विद्युत उत्पादन एवं विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक न्यूनतम मैन, मनी, मैटीरियल उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने में ऊर्जा निगम प्रबन्धन पूर्ण रूप से विफल रहा है एवं अपनी विफलता छुपाने के लिए व संसाधनों की मांग करने वालों व विरोध करने वालों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है। इससे जहां प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप सबको बिजली हरदम बिजली के लक्ष्य को पूर्ण कर पाने में बिजली कर्मियों को काफी दिक्कतें आ रही हैं वहीं दूसरी ओर ऊर्जा निगमों में भययुक्त वातावरण एवं नकारात्मक कार्य प्रणाली स्थापित हो रही है। यह न तो प्रदेश हित में है और न ही ऊर्जा निगमों के हित में है।

संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदेश के नवनियुक्त ऊर्जा मंत्री से ऊर्जा निगमों में प्रबन्धन द्वारा उत्पन्न किये गये अनावश्यक औद्योगिक अशान्ति समाप्त करने तथा ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वस्थ वातावरण प्रदान करने हेतु आवश्यक कदम उठाने की अपील की।

आज वाराणसी में हुई विरोध सभा में मुख्यत इं राम कुमार, इं नीरज बिंद, इं चन्द्रशेखर चौरसिया, इं जगदीश पटेल, इं रत्नेश भारती, इं सुनील कुमार यादव, इं गुलाब, इं मनोज कुमार, इं सुनील, इं चंद्रेश उपाध्याय, इं बी के सिंह, इं सर्वेश विश्वकर्मा, इं प्रमोद गुप्ता, इं भारत भूषण, इं शिवेंद्र, इं शैलेन्द्र, इं उपेन्द्र, इं जफर, इं प्रमोद, इं प्रकाश देव, इं राहुल गुप्ता, इं रोहन, इं आशीष, इं संतोष, इं कृष्णा, इं अम्बर, इं शशि, इं रवि आनंद, इं अरविंद यादव, इं निर्भय कुमार सिंह इत्यादि उपस्थित रहे |

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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