एक झलक

पूर्वांचल विधुत वितरण निगम के बस्ती जोन में बनी अवैध लाइन के मामले में अनुभवहीन बड़केबाबू खामोश क्यो?

वाराणसी1जून:क्या बस्ती जोन में बने अवैध27पोल की लाइन का मामला भ्र्ष्टाचार की खमोशी में दफन हो रहा है?क्या मामले के असली मास्टरमाइंड प्रबन्धन पर भारी पड़ रहे है, क्या मामले की जांच कमेटी द्वारा पेश रिपोर्ट गलत थी?तो असली अपराधी कौन?

सवाल उठना लाजमी है क्योंकि यह सारे प्रश्न जानकारों द्वारा प्रबन्धन के ऊपर उठने लगे हैं क्योंकि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस के दावे की हवा निकालते नजर आ रहे हैं क्योंकि इस अवैध लाइन के आरोप में बस्ती जोन की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिन लोगों के विरुद्ध कार्यवाही हुई है उनके द्वारा जो साक्ष्य अपनी सफाई में प्रबंधनिदेशक के समक्ष प्रस्तुत किये गए हैं वह चौकाने वाले हैं और गलत कार्यवाही की ओर इशारा कर रहे है पर सवाल उठता है कि इस उद्योग को चलाने का जिम्मा प्रदेश सरकार ने लखनऊ के जिन सबसे बड़केबाबू को दिया है क्या उनकी नंगी तलवार इस घोटाले को खोलने में अ समर्थ है और क्या इस मामले पर तलवार म्यान में क्यो रखदी गयी है मौके पर खड़े पोल केंद्रीय योजनाओं के है वायरल वीडियो चीख चीख कर यह प्रमाणित कर रहा है कि केंद्रीय योजनाओं के तार और ट्रांसफार्मर मौके पर लगे थे पर जानबूझकर जांच कमेटी ने मौके पर पहुचने में देर करके उसको मौके से गायब कराने का समय दिया गया पर सवाल उठता है कि गायब सभी सामान कहा है खड़े पोल किस योजना के है उसका हिसाब कौन देगा स्थानीय पुलिस में अज्ञात एफआईआर पर पुलिस कुछ करेगी या एफ आर लगाकर मामला ठंडे बस्ते में जाएगा ये सारे सवाल समूचे यूपीपीसीएल की कार्यप्रणाली पर प्रश्न है।

वैसे सूत्र बताते है कि बस्ती जोन में इस प्रकार की और अनेको अवैध लाइनों का निर्माण व्यक्ति विशेष को लाभ पहुचने के लिए बनी है जिनके राज खुलने बाकी है ।

वैसे खेल के मास्टरमाइंड को UPPCL के सबसे बड़केबाबू ने पदोन्नति दे दी और पूर्वांचल प्रबन्धन ने बाकायदा उसका राजतिलक कर ताजपोशी कर दिया जिसके बाद वह इन अवैध लाइनों के साक्ष्य मिटाने के लिये रविवार29मई को गुपचुप तरीके से बस्ती पहुच कर बेख़ौप तरीके से रात्रि9:30तक सर्किल के कार्यालय में साक्ष्य मिटाने का खेल खेलता रहा जबकि प्रदेश के ऊर्जामंत्री के सख्त आदेश है कि कोई भी विधुत अधिकारी अपना मुख्यालय छोड़ने के पूर्व ईआरपी पर छुट्टी आवेदन कर स्वीकृति ले या अपने सीनियर को मुख्यालय छोड़ने की सूचना दे पर पूर्वांचल तो इस मामले में इन दिनों चारागाह जैसे हालात है जिसके उदाहरण निरन्तर देखने को मिल रहे हैं पर आश्चर्य की बात है कि रविवार को मिर्जापुर के मुख्य अभियंता के बस्ती में मौजूद रहने के मामले में जब निदेशक वाणिज्य से पूछा गया तो उन्होंने अपनी व्यस्तता बताते हुए किनारा कसने का प्रयास किया पर जोर देकर इस मामले के सवाल पर उन्होंने अनभिज्ञता जतायीआखिर क्यों नही मुख्यालय छोड़कर बगैर सूचना गायब होने वाले मुख्य अभियंता के विरुद्ध कार्यवाही करने से पीछे भाग रहा है प्रबन्धन।खैर

 

भ्रष्टाचार और भ्र्ष्टाचारीयो के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *