पूर्वांचल

पूर्वांचल विधुत वितरण निगम में बस्ती जोन में अदृश्य मजरे के लिए 70 पोल की बनी दृश्य लाइन अवैध घोषित होने के बाद भी UPPCL के सबसे बड़केबाबू खमोश क्यो

वाराणसी11जून:छोटी छोटी गलतियों पर बड़ी बड़ी सजा का फरमान जारी करने वाले UPPCL के सबसे बड़केबाबू बस्ती जोन में27 नही बल्कि 70पोल की बनी दृश्य लाइन अदृश्य आबादी के लिये घोषित करने वालो के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के बजाय इन दिनों इस फर्जी मजरे के मामले पर खामोश क्यू है? यह समूचे पूर्वांचल में चर्चा का विषय बना हुवा है क्या इनदिनों बड़केबाबू भ्र्ष्टाचार के मुद्दे पर धृतराष्ट्र की भूमिका में होकर किसी संजय की आँखों से बस्ती की कहानी तो नही सुन रहे क्योंकि भ्र्ष्टाचार के मुद्दे पर त्वरित कार्यवाही करने वाले बड़केबाबू के कार्यकाल में बस्ती कांड पर निष्पक्ष निर्णय आने में इतना विलम्ब का होना अनेको प्रकार के सवालों को जन्म देते देखा और सुना जारहा है।

बस्ती की इस अवैध लाइन को बनवाने वाले और खुले मैदान को70खम्भो की लाइन बनाकर मजरा घोषित करने वाले एवं मामले का खुलासा होने पर पूर्वांचल प्रबन्धन की आँख में धूल झोकर गलत रिपोर्ट के आधार पर दोषियों की जगह निर्दोषों को दंडित कराकर प्रबन्धन की किरकिरी कराने वाले खुली हवाओ में अपनी कुर्शियों पर बैठे रहना अपने आप मे एक आश्चर्य का विषय बना हुआ है वैसे सूत्र बताते हैं कि बस्ती के इस घोटाले में गलत जांच रिपोर्ट के आधार जिन तीन अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही हुवी थी उसे प्रबन्धन ने बहाल कर दिया है पर असली दोषी कौन है इसकी पहचान करने और उन्हें दण्डित करने में विलंब होने के कारण प्रबन्धन की किरकिरी होती नजर आ रही है जबकि पिक्चर साफ है कि स्थानीय प्रॉपर्टी डीलरो को लाभ पहुचने और चांदी के जूते से अपना मुंह सुजवाने के पुराने शौकीन उस वक्त तैनात अधीक्षण अभियंता ने भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा में अवैध लाइन बनवाकर उसे मजरा घोषित किया है।

सबूतों को मिटाने के लिए मौके से पोल उखाड़ने का काम युद्ध स्तर पर

वैसे हमारे सूत्रों की खबरों के अनुसार बस्ती की अवैध लाइन के सबूत मिटाने का काम इनदिनों जोरो पर है और मजे की बात है कि इतने बड़े घोटाले की स्थानीय जिम्मेदार अधिकारियों ने आजतक वीडियोग्राफी तक नही करवायी क्यों कि तस्वीरे सच बोलती है बल्कि जिम्मेदारों द्वारा इस सबूत को मिटाने के लिए अवैध लाइन के लिये गड़े पोल को उखाड़ने का काम करवाया जा रहा है पुलिस में लिखी एफआईआर पर भ्र्ष्टाचारीयो का पूरा प्रभाव देखने को मिल रहा है और स्थानीय पुलिस मूकदर्शक बनी हुवी है पर विभगिय जिमेदार यह बताने से कतराते नजर आ रहे हैं कि इतने पोल ट्रासफार्मर तार किस योजना से चोरी करके लगाए गए और मौके से गायब करके कहा खपाए जा रहे है पर जबाब तो देना होगा।खैर

 

भ्र्ष्टाचार और भ्र्ष्टाचारीयो के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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