पूर्वांचल विधुत वितरण निगम में कार्यरत संविदाकर्मियों को वेतन न मिलने से पहुचे भुखमरी के कगार पर
वाराणसी1फरवरी::समूचे UPPCL के बड़केबाबुओ के तुगलकी फरमान से लगभग ज्यादातर व्यवस्था चरमराती नजर आ रही है जब से ईआरपी को बगैर तैयारी के लागू कराने का फरमान बड़केबाबुओ UPPCL सहित सभी डिस्कमो पर थोपा गया है उस समय से लगातार आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह चरमराती नजर आ रही है जिसका जीता जागता उदाहरण पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में देखने को मिल रहा है यहाँ तैनात बड़केबाबू की लम्बी छुट्टी पर होने के बाद से अतिरिक्त चार्ज पर तैनात अनुभव हीन बड़केबाबू मानो ईआरपी के नियमो की जानकारी के आभाव में विभाग को चलाने के सबसे मजबूत अंग संविदाकर्मियों के वेतन में पेच फसाकर उन्हें भुखमरी की ओर ढकेलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है सूत्र बताते है कि वर्तमान में प्रबंधनिदेशक के कार्यभार संभालने वाले बड़केबाबू का पूर्वांचल मुख्यालय में आगमन तक नहीं हुआ है एक मात्र वीडियो कांफ्रेसिंग पर समय समय पर बड़केबाबू की पाठशाला चलने की सूचना जरूर प्राप्त होती है सूत्र बताते हैं कि संविदाकर्मियों के वेतन का भुगतान ईआरपी के माध्यम से होना था जिसे तैयार कर बड़केबाबू के सामने परोसा गया परन्तु अनुभवहीन बड़केबाबू उसमें नया पेच फसाकर अनुमोदन न करने से संविदाकर्मियों के घरों में जलने वाले चूल्हों पर ग्रहण लगने जैसे हालात पर संविदाकर्मियों को लाकर खड़ा कर दिया है। एक तरफ प्रदेश मे चुनाव प्रक्रिया चल रही है और दूसरी तरफ पूरी तरीके से भाजपा सरकार की बची कुछी लुटिया भी इन अनुभवहीन बड़केबाबुओ द्वारा डुबोने की पूरी तैयारी है । खैर
युद्ध अभी शेष है