पूर्वांचल

प्रबन्धन की आखो मे घूल झोकता जानपद / सिविल डिवीजन

लखनऊ 30 मई  : प्रबन्धन के नाक के नीचे बैठ कर कैसे अपने भ्रष्टाचारी साथियो को कैसे सहयोग किया जाता इस कला को आप जानपद / सिविल मे तैनात इन माहिर खिलाडियो से सीखना है तो आप जाए *शक्तिभवन मे बैठे इन अधिकारियो से सीखे किस तरह से ऊर्जा मंत्री ,ऊर्जा राज्य मंत्री ,अध्यक्ष पावर कारपोरेशन व प्रबन्ध निदेशक पावर कार्पोरेशन ,प्रबन्ध निदेशक पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन की नाक के नीचे भ्रष्टाचार करने के बाद भी खुश करते है और अपनी जेब भरने के लिए कैसे कैसे खेल खेले जाते है* जिसेको कोई सोच भी नही सकता । वैसे इन अधिकारियो के पास *फील्ड हास्टल की पूरी जिम्मेदारी है फील्ड हास्टल वो जगह है कि बाहर से पावर कार्पोरेशन की मीटिंग और अन्य सरकारी कार्यो के लिए राजधानी में अधिकारीयो को कम से कम शुल्क मे रहने खाने का इन्तेजाम कार्पोरेशन की तरफ से किया जाता है* जिसके *अनुरक्षण* का व किसको कमरा देना है किसको नही आदि की जिम्मेदारी व किससे किराया लेना है किससे नही यह सब तय करने की पूरी जिम्मेदारी *मुख्य अभियन्ता जानपद / सिविल डिवीजन पावर कार्पोरेशन शक्तिभवन 9 वे तल पर बैठे की होती है । लेकिन इन बेचारो को कुछ भी नही पता होता है तो फिर पूरे प्रदेश मे कहा कहा विभाग की जमीन है कितनी जमीन अधिग्रहण हो गयी कितनी लोगो ने कब्जा कर ली गयी तब बेचारो को कैसे पता होगा । जब समय का उपभोक्ता के संपादक ने फोन कर के प्रभात सिंह महासचिव अभियन्ता संघ के फिल्ड हास्टल के एक कमरे पर किए गए अवैध कब्जे के बारे मे मे मुख्य आभियन्ता से पूछ तो जनाब ने बडी मासूमियत से पूछा कौन प्रभात सिंह और कैसा कब्जा कैसा किराया मुझे तो इस विषय मे कुछ भी संज्ञान मे नही है आप बीना दयाल अधिशाषी अभियन्ता से पूछो या अधीक्षण अभियन्ता से पूछो यानि यही से गुमराह करना शुरू किया कि अधीशाषी अभियन्ता कोई औरनाम दूसरे का नाम ले रहे इतने तो मासूम है कि कौन सा अभियान्ता कहा तैनात है जनाब को मालूम ही नही खैर अधीक्षण अभियन्ता का मोबाइल नम्बर दे कर अपना पीछा छुडाया और वैसे ही अधीक्षण अभियन्ता ने भी अपने वरिष्ठ अधिकारी का अनुसरण करते हुए अधिशासी अभियन्ता का मोबाइल नम्बर दे पीछा छुडाया अब बारी आती है अधिशाषी अभियन्ता की जो वर्षो से इस पद पर काबिज है पता नही कितने अध्यक्ष , प्रबन्ध निदेशक , निदेशक आये और चले गये जनाब का कोई कुछ नही कर पाया* वैसे इनकी लूट की दास्तान लिखने मे कई महीने लग जाएगे *शक्तिभवन की रंगाई पुताई हो संगमरमर उखाड कर पतली पतली टाइल्स लगवाना हो या बाथरूमो का अनुरक्षण हो लाईट को बदलना मंत्री जी के ऊपर खर्च हो या अध्यक्ष का कही दौरा सभी की जिम्मेदारी इनके मजबूत कन्धो पर वर्षो से है* इतनी बडी जिम्मेदारी इतने ताकतवर है परन्तु इनके कन्धे थकते ही नही अरे भाई थके भी कैसे जनाब बहुत ही शक्तिशाली व बुद्धिमान इन्सान है तभी तो *ईमानदार अध्यक्ष की ऑखो मे कैसे घूल झोक कर अपनी झोली भरी जाए कोई इन से सीखे है इसमे यह मास्टरमाइंड है सूत्र बताते है आज कल तो जनाब पश्चिम उत्तरप्रदेश मे एक प्रबन्ध निदेशक का मकान भी बनवा रहे है खैर जब इन से यह पूछा कि अभियन्ता संघ के महासचिव महोदय किस के अनुमोदन पर फील्ड हास्टल मे एक साल से डेरा जमाए है तो जनाब ने बडे ही प्यार से कहा अरे वो तो कभी कभी आते है और पूरे किराए की रसीद कटवाते है यानि की प्रबन्ध द्वारा की गयी कार्यवाही एक दम सही है और फिर जब उनसे यह पूछा गया कि ऐसा कैसे सम्भव है कि साल भर से जनाब एक ही कमरा ही उनको बार बार अलॉट होता है तो जनाब के पास कोई उत्तर नही था* जब अन्य कब्जो के बारे मे पूछा कि कुछ पुलिस वालो ने भी वहा कुछ कमरो पर कब्जा किया है वो कौन है तो उनका कहना था कि मेरी जानकारी मे नही है और फिर जब यह पूछा कि वहा से *वर्षो से संचालित होने वाले कार्यलयो के किराया के विषय मे पूछा तो फिर वही जवाब कि उनके संज्ञान मे नही है तो जब शक्तिभवन से चन्द कदमो की दूरी पर स्थित फील्ड हास्टल के विषय मे उसकी जिम्मेदारो को नही मालूम तो पावर कार्पोरेशन की पूरे प्रदेश मे फैली हजारो करोड की जमीनो का हिसाब किताब इनके पास कैसे होगा न जाने कितनी जगह राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा पावर कार्पोरेशन की जमीनो पर कब्जा कर उसका मुआवजा सरकारी कोष मे जमा किया गया वो कैसे पता होग इनको तो शक्तिभवन भवन के अनुरक्षण से ही फुर्सत नही है* अरे भाई साहब वो भी तो ठीक से नही करते *शक्तिभवन* मे स्थित भूमिगत/ अन्डर ग्राऊंड पार्किंग मे जा कर इनके द्वारा किये गये अनुरक्षण के कार्यो की गुणवत्ता देखी जा सकती है और तो और *अध्यक्ष पावर कारपोरेशन और प्रबन्धन निदेशक पावर कार्पोरेशन व निदेशक जिस बिल्डिंग मे बैठे है वह पिछले भूकंप मे एक बडी दरार आ गयी है उसको बहुत ही खूबसूरती से छिपा दिया गया है यानि पीछे की बिल्डिंग की पार्किंग मे पानी , बीम की दरारे और आगे की बिल्डिंग मे दरार यानि सभी की जान को बडा संकट हर समय सर पर मडरा रहा है* परन्तु ऊपरी अनुरक्षण का काम जारी है जिसमे *मोटी मलाई* मिलती है और समय समय पर कमरा बन्द कर *चांदी के जूते से सेवा भी होती रहती फिर चाहे कार्पोरेशन मे कोई मरे जीऐ या विभाग की कीमती जमीनो पर भू-माफिया क्यो ना कब्जा कर प्लाटिग कर बेच दे इनकी सेहत पर तो कोई फर्क नही पडता है* बस अपना काम बनता रहे यानि अपना मुंह चादी के जूते से समय समय पर सूजता रहे चाहे पूरा शक्तिभवन ही क्यो ना जमीदोज हो जाए सब *कर्मचारी अधिकारीयो के साथ कुछ भी अनहोनी हो जाए यहा तो खुले आम लूट का खेल प्रबन्ध की नाक के नीच बदस्तूर जारी है* । खैर
       युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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