पूर्वांचल

बाबा बटुक भैरव का हरियाली व जल बिहार श्रृंगार का रजत जयन्ती वर्ष,28 अगस्त को गुलमर्ग में होगा बाबा के अद्भुत बाल स्वरूप का दर्शन

वाराणसी26अगस्त: बाबा श्री बटुक भैरव मन्दिर, कमच्छा में श्री बाबा बटुक भैरव का हरियाली तथा जल बिहार श्रृंगार आगामी रविवार, 28 अगस्त को है। जो अपने रजत जयन्ती वर्ष में विगत वर्षों से भव्य और आकर्षक होगी। विश्व विख्यात काश्मीर के गुलमर्ग की वादियों में हरियाली तथा जल बिहार श्रृंगार की झाँकी का नयनाभिराम दर्शन भक्तगण करेंगे, जिसकी प्रतिक्षा काशी के श्रद्धालुजनों को सदैव रहती है।

अपने रजत जयन्ती वर्ष में हरियाली तथा जल बिहार श्रृंगार के झाँकी की सजावट अति भव्य होगी। इस सजावट के क्रम में रथयात्रा से कमच्छा के बीच 5 भव्य द्वार, मुख्य मार्ग से मन्दिर जाने वाली गली में 3 भव्य द्वार बनाये जायेंगे। मन्दिर परिसर व मार्ग को गुलमर्ग बर्फीली वादियों एवं फूलों से सजे बगीचे के स्वरूप में सजाया जा रहा है, जो अपनी प्राकृतिक जीवन्तता का एहसास कराएगा और श्रद्धालु इनसे होकर गर्भगृह तक पहुंचेगे और ‘‘स्वर्णमयी सिंघासन’’ पर विराजमान अपने अराध्य बाबा श्री बटुक भैरव के हरियाली तथा जल बिहार श्रृंगार की झाँकी के दर्शन का पुण्य लाभ एवं अलौकिक आनन्द प्राप्त कर सकेंगे। मन्दिर की सजावट कलकत्ता तथा वाराणसी के प्रसिद्ध कारीगरों द्वारा किया जा रहा है।

मन्दिर के व्यवस्थापक राकेश पुरी व भाष्कर पुरी ने संयुक्त रूप से यह जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष हरियाली श्रृंगार में बाबा के अद्भुत बाल स्वरूप का दर्शन ‘‘स्वर्णमयी सिंघासन’’ पर होगा। भक्तों में बाबा के प्रसाद वितरण दर्शन के साथ ही आरम्भ हो जाएगा। कार्यक्रम की समाप्ति तथा दर्शन बन्द होने के पश्चात् बाबा की शयन आरती होगी। उन्होने श्रद्धालुजनों से बाबा का दर्शन कर पुण्य लाभ लेने का अनुरोध किया है।

आयोजन से जुड़े संकल्प संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने बताया कि संकल्प संस्था विगत कई वर्षों से बाबा बटुक भैरव के हरियाली श्रृंगार में भजन संध्या का आयोजन करती आ रही है, किन्तु इस वर्ष कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए किसी भी प्रकार का सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नही होगा।

बाबा के हरियाली श्रृंगार के शुभ अवसर पर होने वाले कार्यक्रम इस प्रकार हैं-
प्रातः 05:00 बजे – बाबा का पंचामृत स्नान।
प्रातः 06:00 बजे – मंगला आरती।
प्रातः 06:30 बजे – प्रसाद वितरण।
दोपहर 12:00 बजे – भोग, आरती।
सायं 08:00 बजे – बाबा की महा आरती, (1008 बत्ती, सवा किलो कपूर द्वारा) जिसमें भक्तों द्वारा डमरू बजाया जाएगा।

नोट : इस वर्ष कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए किसी भी प्रकार का सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नही होगा।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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