पूर्वांचल

बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को पैसा नहीं देना होगा-मंडलायुक्‍त वाराणसी

वाराणसी13मार्च: बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को पैसा नहीं देना होगा। यह जानकारी देते हुए वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने सोमवार को कहा कि ऐसा कोई निर्णय श्री काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा नहीं लिया गया है। ट्रस्ट की बैठक हुए भी 20 दिन बीत चुके हैं। यह फेक न्यूज है। किसी भी श्रद्धालु को ऐसी फेक न्यूज को गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है। ऐसा कोई निर्णय भविष्य में अगर होगा तो उसकी जानकारी दी जाएगी। दरअसल, सोमवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर से संबंधित एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इसमें लिखा गया था कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का स्पर्श दर्शन करने के लिए शुल्क जमा करना होगा। मंदिर प्रशासन अभी शुल्क तय कर रहा है। इसे 500 से 1000 रुपये तक करने पर विचार किया जा रहा है।इसमें श्रद्धालु सीधे गर्भगृह तक पहुंचेगा और बाबा का दर्शन-स्पर्श कर सकेगा। मंदिर प्रशासन के इस प्रस्ताव को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद हरी झंडी दे चुका है। इसके ट्रायल के दौरान श्रद्धालुओं से 500 रुपये लिए गए थे। माना जा रहा है नई व्यवस्था जल्द ही लागू कर दी जाएगी। सोशल मीडिया पर वायरल इस खबर पर राजनीति शुरू हो गई। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने मीडिया से बातचीच में स्पष्ट किया कि विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन को कोई शुल्क लगाने का अभी निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि एक दिन ट्रस्ट की बैठक हुई थी। उसके एक-दो दिन बाद भी ये बात आई थी तब भी स्पष्ट कर दिया गया था। यह पुरानी ही बैठकों की बात जो कार्य किया है या उसमें बातचीत के बिंदू होते हैं। वह अलग ट्रस्ट के लोगों के हवाले से बता दिए जाते हैं। सोशल मीडिया में कई मैसेज ऐसे भी सर्कुलेट हो जाते हैं तो पुरानी बातें होती हैं। जैसा मैंने बताया कि भारत के अलग-अलग मंदिरों की व्यवस्थाएं हैं। उसका तुलनात्मक अध्ययन किया गया था। उसकी ही चर्चाएं हुई थी, उन्हीं चर्चाओं में यह बात आई थी कि बाकी मंदिरों में इस प्रकार का शुल्क लगता है, लेकिन वाराणसी के मंदिर में कोई शुल्क लगाने का अभी निर्णय नहीं हुआ है और ऐसा कोई निर्णय भविष्य में अगर होगा तो उसकी जानकारी दी जाएगी।आगे कहा कि फिलहाल मंदिर में किसी प्रकार के शुल्क की कोई व्यवस्था स्पर्श दर्शन के लिए नहीं की जा रही है। यहां जो आरतियां होती हैं, या जो हमारे बाकी के हेल्प डेस्क के माध्यम से जो दर्शन होते हैं। उन्हीं की शुल्क जो पहले से निर्धारित है, वो वैसे ही रहेंगी। उसके अलावा कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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