राजनीति

बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 लोक सभा में पेश – सरकार ने आगे की चर्चा के लिए संसदीय स्थायी समिति के पास भेजने का अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ किया स्वागत

11अगस्त 2022

भारत सरकार ने गत 8 अगस्त को लोकसभा मे बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 प्रस्तुत कर इस पर चर्चा हेतु संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया.

केंद्र सरकार के अनुसार बिल का उद्देश्य भुगतान ढांचे को सुव्यवस्थित करना, नियामकों को सशक्त बनाना और क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना है। केंद्र सरकार के पास इतना बहुमत था की वो स्थाई समिती को भेजे बिना भी इस बिल को चर्चा कर पास करवा सकती थी। परन्तु केंद्र सरकार द्वारा ऐसा नही किया गया। सरकार के इस कदम का अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ स्वागत करता है.

महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने कुछ माह पूर्व ही केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के साथ हुई बैठक मे बिल के ड्राफ़्ट पर अपने सुझाव दिए थे। जिसमें प्रमुख रूप से, बिजली बिल 2003 पर श्वेत पत्र जारी करना, सब लाइसेंस लागू नही करना, सब्सिडी बन्द नही करना व वितरण क्षेत्र के निजीकरण का प्रयास से कर्मचारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की सभावना और कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर प्रतिकूल प्रभाव नही पड़ना जैसे कई सुझाव दिए थे। जिसमें से सब्सिडी बंद न करने की बात मानी गई है।

भारतीय मजदूर संघ निजीकरण के विरोध के लिये कटिबद्ध है और आने वाले समय में संगठन विद्युत के क्षेत्र में सार्वजनिक हिस्सेदारी को बनाये रखने व अंधाधुंध निजीकरण के विरोध के लिये कटिबद्ध है। वैश्विक जलवायु परिवर्तन चिंताओं और अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए हमारी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के संदर्भ में हमारे पर्यावरण के लिए हरित ऊर्जा के महत्व को देखते हुए अधिनियम में हम अपनी शंकाओ का निराकरण कर संशोधन चाहते है.

कुछ राजनैतिक दलों व उनकी मजदूर इकाई संगठनों द्वारा राजनैतिक लाभ के लिए किये जाने वाले आंदोलन कर फैलाये जा रहे भ्रम को महासंघ अनुचित मानता है । महासंघ किसी भी विषय पर राजनीतिक लाभ के लिये किये गए आंदोलन के सदैव खिलाफ है। एक क्षेत्र में एक से अधिक बिजली वितरक काम करने से वितरण कंपनियो में स्थायी कर्मचारी कम होंगे साथ ही कांट्रेक्ट प्रथा को बढ़ावा मिलेगा जो चिंता का विषय है। अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ बिजली बिल 2022 की सब लाइसेंस व्यवस्था का पुरे देश में विरोध करेंगा । सब लाइसेंस व्यवस्था व बिल के जिन जिन प्रावधानों पर संगठन का अभी भी विरोध है उन पर बिंदुवार पत्र स्थायी समिति के सदस्यों व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को सुझाव सहित पुनः भेजा जायेगा।
बिल के सभी प्रावधानों पर सभी हितधारकों के साथ चर्चा की जानी चाहिए। पिछले आठ महीनों में कोई चर्चा नहीं हुई है हम सरकार से यह मांग करते हें की अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ से चर्चा के बाद ही बिल के लोकसभा में लाना चाहिए ।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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