एक झलक

भाई दूज के दिन ही होती है भगवान चित्रगुप्त की पूजा

6नवम्बर2021

भाई दूज के शुभ अवसर के साथ ही आज चित्रगुप्त भगवान की भी पूजा की जा रही है चित्रगुप्त हिंदुओं के प्रमुख देवता माने जाते हैं पुराणों के मुताबिक, चित्रगुप्त अपने दरबार में मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा कर न्याय करते थे व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए यह दिन नए साल की शुरुआत जैसा है।इस दिन नए बहीखातों पर ‘श्री’ लिखकर कार्य प्रारंभ किया जाता है।

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर चचेरी, ममेरी, फुफेरी या कोई भी बहन अपने हाथ से भाई को भोजन कराए तो उसकी आयु बढ़ती है साथ ही जीवन के कष्ट भी दूर होते हैं।कौन हैं भगवान चित्रगुप्त और क्या है इनकी महिमा चित्रगुप्त जी का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ था इनका कार्य प्राणियों के कर्मों का हिसाब किताब रखना है मुख्य रूप से इनकी पूजा भाई दूज के दिन होती है इनकी पूजा से लेखनी, वाणी और विद्या का वरदान मिलता है।चित्रगुप्त जी की पूजा का शुभ मुहूर्त : 6 नवंबर 2021, शनिवार को दोपहर 1:15 मिनट से शाम को 3:25 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त बना हुआ है।

कैसे करें चित्रगुप्त की पूजा

पूजा स्थान को साफ कर के एक कपड़ा बिछा कर वहां चित्रगुप्त जी की तस्वीर रखें दीपक जला कर गणेश जी को चन्दन, रोली, हल्दी, अक्षत लगा कर पूजा करें चित्रगुप्त जी को भी चन्दन, रोली, हल्दी, अक्षत लगा कर पूजा करें। इसके बाद फल, मिठाई, पान, सुपारी, दूध, घी, अदरक, गुड़ और गंगाजल से बने पंचामृत का भोग लगाएं। इसके बाद परिवार के सभी सदस्य अपनी किताब, कलम की पूजा कर चित्रगुप्त जी के सामने रख दें, इसके बाद एक सफेद कागज पर स्वस्तिक बना कर उस पर अपनी आय और व्यय का विवरण देकर उसे चित्रगुप्त जी को अर्पित कर पूजन करें।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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