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भारत में नकली नोट खपाने का मिला था टारगेट, खुफिया एजेंसी ने ऐसे कर दिया नाकाम

पूर्णिया9नवंबर: बिहार के प्रसिद्ध त्योहार छठ में स्लीपर सेल के सदस्यों को 50 करोड़ नकली नोट खपाने का टारगेट पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में बैठे आकाओं के द्वारा दिया गया है। इस तरह की सूचना खुफिया, सीआईडी विभाग के द्वारा गृह मंत्रालय को भेजे जाने के बाद सीमाई इलाकों पर तैनात एसएसबी और बीएसएफ के जवानों के अलावा लोकल पुलिस को भी सतर्क रहने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। खासकर नेपाल के खुली सीमा के बॉर्डर के पास एसएसबी के जवानों को विशेष चौकन्ना रहने को लेकर गृह मंत्रालय के द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। पिछले 10 दिनों के अंदर बीएसएफ के जवानों ने चार से अधिक संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की है। उन लोगों के पास से कई जाली कागजात के अलावा नकली नोट भी बरामद हुए थे। बताया जाता है कि हिरासत में लेकर पूछताछ किए गए युवकों का कनेक्शन पश्चिम बंगाल के मालदा से ही मिला था।

दो युवकों को नकली नोट के साथ पकड़ा था एसएसबी ने : अररिया जिला के एक प्रखंड के दर्जनों की संख्या में युवक नकली नोट का खपाने की योजना में शामिल है। उन लोगों के द्वारा नकली नोट की खेप को नेपाल के रास्ते सीमांचल के कई इलाकों में हाल के दिनों में भेजा भी गया है। खुफिया विभाग के वरीय अधिकारी ने बताया कि इनमें से अररिया जिला के सिकटी प्रखंड के दो युवक को कुछ दिन पूर्व एसएसबी के जवानों के द्वारा अस्सी हजार रुपया नकली नोट के साथ गिरफ्तार भी किया गया था। उसी गिरोह के कुछ सदस्यों के द्वारा तरीका बदलकर नकली नोट की खेप को खपाने का काम लगातार किया जा रहा है। इस मामले को लेकर कई टीम काम कर रही है और चारों तरफ से नजर रखी जा रही है।

पश्चिम बंगाल का मालदा नकली नोट का बना स्वर्ग : खुफिया और सीआईडी विभाग को मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल का मालदा नकली नोट के सौदागरों के लिए स्वर्ग माना जाता है। इस इलाके में बांग्लादेश की सीमा से सटने की वजह से काफी आसानी से नकली नोट की खेप आ जाती है। वहां के बाजारों में काफी आसानी से नकली नोट का कारोबार भी कई लोगों के द्वारा किया जाता है। बीएसएफ के जवानों के द्वारा कई संदिग्ध लोगों को हाल के वर्षों में नकली नोट के साथ पकड़ा गया। उनमें से अधिकांश लोगों का कनेक्शन मालदा से ही मिला था। सीमांचल के इलाकों में 50 करोड़ से अधिक नकली नोट खपाने की योजना स्लीपर सेल सदस्यों के द्वारा लगभग पूरी कर ली गई है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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