पूर्वांचल

मंडलीय खरीफ़ उत्पादकता गोष्ठी संपन्न हुईग्री प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट हेतु 8 एफपीओ को निर्यात करने का लाइसेंस दिया गया-कमिश्नर

 

 

गेहूं खरीद लक्ष्य से 180 फीसदी खरीद हो चुकी है- दीपक अग्रवाल

खरीफ उत्पादन हेतु कृषि निवेशो की जनपद में तैयारी कर ली गई है-जिलाधिकारी

 

वाराणसी7जून2021 मंडलीय खरीफ़ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। जिसमें वर्चुअल माध्यम से लखनऊ से कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, कृषि, सिंचाई, विद्युत, नहर, ट्यूबेल आदि के उच्चाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

गोष्ठी में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी में एग्री प्रोडक्ट के निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है। गत दो-तीन वर्षों में यही एयरपोर्ट से सब्जी, फल शारजाह व विभिन्न खाड़ी देशों में भेजे गए। एयरपोर्ट पर ही कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की गई है। राजातालाब करखियाव में पैकहाउस बनाए जा रहे हैं। 8 एफपीओ को निर्यात का लाइसेंस दिया गया। जो सीधे बनारस एयरपोर्ट से अन्य देशों को निर्यात कर सकेंगे। इस व्यवस्थाओं और सहूलियत से किसानों को सीधा लाभ हो रहा है। गेहूं खरीद भी लक्ष्य से 180 फ़ीसदी अधिक हो चुकी है। खरीद का 68 फ़ीसदी भुगतान भी किसानों को उनके खातों में हो चुका है। शेष भुगतान प्रक्रिया जारी है। मार्केटिंग मिलने से किसान गुणवत्ता युक्त खेती को अपना रहे हैं। बनारस में मत्स्य उत्पादन की संभावना की दृष्टि से क्षेत्रफल व उत्पादकता बढ़ रहा है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने खरीद उत्पादकता हेतु जनपद में की गई तैयारियों को बताया। खाद, बीज, कृषि यंत्रों की उपलब्धता, किसान सम्मान निधि का वितरण आदि किया गया है। चिरईगांव के किसान संतोष कुमार ने ढैचा की बुवाई कर उससे हरी खाद बनाने फिर उसमें धान की बुवाई करने का अपनी जैविक खेती कार्य को बताया।

गोष्ठी में बताया गया कि खाद्य प्रसंस्करण की यूनिट स्थापना पर 50 से 35 फ़ीसदी अनुदान का प्रावधान है। इसमे एफपीओ आगे आए। केला की खेती किसानों के लिए प्रॉफिटेबल फसल बताएं। स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फूड पर अनुदान है। कटहल, बेल आदि पौधे खेतों की मेड़ पर लगाने पर उसे गिनती के हिसाब से हेक्टेयर क्षेत्र में मानकर अनुदान का प्रावधान है। प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना मत्स्य उत्पादन की मुख्य अच्छी योजना है। इसमें एससी व महिला को 60 फ़ीसदी तथा अन्य को 40 फीसदी अनुदान का प्रावधान है। गोष्ठी में निजी क्षेत्रों में तालाब निर्माण व मत्स्य पालन पर जोर दिया गया। किसानों को खरीफ में खेतों के समतलीकरण का सुझाव दिया गया। इससे 15 से 20 फीसदी उत्पादन बढ़ता है। खेत में फसल के पौधों की संख्या सही व पर्याप्त हो। खेतों को प्रॉफिटेबिलिटी परत बनाने हेतु कम लागत व ज्यादा गुणवत्ता युक्त उत्पादन हेतु किसानों को सुझाव दिया गया कि मृदा परीक्षण कराकर जरूरत के अनुसार ही उर्वरक डालें। खेतों के साथ अन्य व्यवसाय यथा- पशु पालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, हनी उत्पादन, उद्यानीकरण, जैविक खेती, एफपीओ बनाकर मार्केटिंग करने पर जोर दिया गया। अच्छी खेती के लिए समय से फसल की बुवाई हो, ताकि रबी फसल के लिए समय से खेत खाली हो जाए।

गोष्ठी में मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुलगी सहित कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, सिंचाई, विद्युत आदि विभागों के अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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