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मंत्री जी ने डमरू पर रात मे नाचाया पावर कार्पोरेशन कोऔ,लो uppcl के बडकऊ ले आये सभी को रोड पर चोरी पकडने चाहे हो सुबह हो या रात

लखनऊ 10 जुलाई उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन मे एक अवैध रूप से नियुक्त बडका बाबू यानि बडकऊ ने विगत कुछ दिनो से लाईन लास कम करने के लिए खुद कमर कस ली है जिसकी वजह से पूरे पावर कार्पोरेशन का हर कर्मचारी परेशान है क्यो कि बडकऊ का डर ही ऐसा है काम करो नही तो घर बैठो 95 हजार करोड के घाटे को कम करने के लिए एक सोची समझी रणनीति के तहत काम करना शुरू कर दिया है जिसके अन्तर्गत सबसे पहले वो फीडर चिन्हित किये गये जिनमे लाईन लास सबसे ज्यादा था फिर शुरू हुई कवायद चोरी रोकने की खैर प्रयास तो सराहनीय है परन्तु यथार्थ के धरातल पर यह औधे मुह गिरता नजर आ रहा क्यो कि अभियन्ता और कर्मचारी जिस विजलेंस टीम को साथ ले कर सुबह या देर रात्रि छापेमारी करती है वही विजलेंस की टीमो के सरक्षण मे अधिकाश जगह बिजली चोरी होती है यह टीमे छापा पडने की सूचना पहले ही उन लोगो को बता देती है ऐसा नही है कि विजलेंस की टीमे ही चोरी कराती बल्कि यहा तो चोरी मे नीचे से उपर तक सभी मिले हुए है उदाहरण के तौर पर मध्याचल विद्युत वितरण निगम का एक बहुत ही मशहूर काण्ड आपके समक्ष रखता हूँ विजलेंस की टीम ने कुछ समय पूर्व बाराबंकी के एक शीतगृह पर छापे मारी करती है बडी बिजली चोरी पकडी जाती है बडे पैमाने पर जुर्माने की कार्रवाई की तैयारी होती है परन्तु दूसरे दिन ही मामले को रफा दफा कर दिया जाता है सूत्र बताते है कि एक बहुत ही उच्च अधिकारी का मुँह चाँदी के जूते से सुजा दिया जाता है और मामला टया टाय फिस *जब खेत की मेड ही खेत को खाएगी तो उस खेत का क्या होगा यह तो ईश्वर जाने । वैसे भी सविदा कर्मचारी भी इस लूट मे पीछे नही है अधिकांश कर्मचारी अपने घर के पास तैनात है वो खुलेआम चोरी करते है और साथ ही दूसरो को भी चोरी कराते है पूर्वांचल की एक घटना याद आती है कि बिजली चोरी रोकने को एक अधीक्षण अभियन्ता ने पूरा दिन लग कर 1300 बकायेदारो की बिजली कटवाई परन्तु शाम होते संविदा कर्मचारियो ने हर कनेक्शन से एक अच्छी खासी रकम ले कर अपनी जेब गर्म की और सभी की सप्लाई फिर से चालू हो गयी । लखनऊ के अमीनाबाद के अधिशाषी अभियन्ता विजलेंस को ले कर छापेमारी करते है 500 से ज्यादा लोग अभियन्ता को घेर लेते है विजलेंस निहत्थी क्या करे ईजीनियर साहब पीटते पीटते बचे यह हाल तो राजधानी का है ग्रामीण इलाको मे या घनी अबादी मे अधिकारी वर्ग इन इलाको मे दिन मे घुसने से डरता है तो रात की क्या बात है वैसे एक अभियन्ता ने एक उपाय निकाला है चोरी वाले इलाके मे जा कर हाथ जोड कर चोरी रोकने मे सहयोग मागा है वैसे पूर्वांचल के वाराणसी , प्रयागराज, गोरखपुर, मध्याचल मे लखनऊ, बरेली , दक्षिणाचल मे झासी ,मथुरा अलिगढ पश्चिमाचल मे नोएडा , गाजियाबाद, मेरठ ,मुरादाबाद और केस्को कानपुर मे अगर एक धण्टे अगर बिजली बन्द है तो सुबह 8 बजे तक स्पष्टीकरण तैयार रखना है और बची खुची कसर मंत्री जी निकाल रहे है रात्री 10:45 पर सभी प्रबन्ध निदेशक, निदेशक वा अभियन्ता अपने क्षेत्र के किसी एक पावर हाऊस पर जा कार विडिओ कान्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी अपनी उपस्थिती दर्ज कराएगे यानि सुबह मास रेड से शुरुआत करो फिर रात 12 बजे तक विडिओ कान्फ्रेंसिंग दिन भर जवाब दो शाम को फिर विडिओ कान्फ्रेंसिंग रात को छापे मारी और बची खुची कसर मंत्री जी की हाजरी लगने मे निकल जाती है आखिर यह कर्मचारी आधिकारी इनसान है मशीन नही खैर देखते है कितने दिन नौकरी बचती है किसी तरह से नौकरी चलती है वैसे भी धीरे धीरे vrs व इस्तीफो का दौर शूरु हो गया है । खैर

 

युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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