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मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरे बैंक कर्मचारी

नई दिल्ली16दिसम्बर: केंद्र सरकार द्वारा सरकारी बैंकों का निजीकरण करने की योजना पर सरकारी बैंकों के लाखों कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ खड़े हो गए हैं. गुरुवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर सैंकड़ों की संख्या में बैंक कर्मचारी इकट्ठा हुए और मोदी सरकार के फैसले का विरोध किया.

सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण के विरोध में 16 और 17 दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल भी जारी है.

दिल्ली के जंतर मंतर पर बैंक कर्मचारी प्रदर्शन करते हुए सरकार के इस फैसले को गलत बताया. हालांकि कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से आम जनता परेशान है.

हड़ताल के कारण नकदी निकासी से लेकर जमा, व्यापार लेन-देन, ऋण प्रक्रिया, चेक समाशोधन, खाता खोलने और व्यावसायिक लेन-देन तक सभी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुई हैं.

बैंक कर्मचारियों के इस विरोध पर वॉइस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्विनी राणा ने कहा कि, “देश भर के बैंकों के ट्रेंड यूनियन गुरुवार और शुक्रवार को राष्ट्रीय व्यापी हड़ताल पर हैं. सरकार पब्लिक सेक्टर बैंकों को निजीकरण की ओर धकेल रही है. उसके खिलाफ यह हड़ताल की जा रही है.”

यूनियन का कहना है कि यदि सरकार इस बजट सत्र में बैंकिंग अमेंडमेंट बिल को नहीं लाती तो हड़ताल को स्थगित कर देंगे, लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी आश्वासन नहीं मिलने के कारण हड़ताल जारी है.

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के मुताबिक, इस हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र की 4,000 से भी अधिक शाखाओं के कर्मचारी शामिल होंगे.

सरकार संसद के इसी सत्र में एक ऐसा कानून ला रही है, जिससे भविष्य में किसी भी सरकारी बैंक के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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