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यूपीपीसीएल के बड़कऊ ने किया कमाल, निकाले खोजकर भूतरूपी अवर अभियंता किये गये बर्खास्त

लखनऊ27फरवरी : इनदिनों उ प्र पावर कार्पोरेशन में बैठे सबसे बड़केबाबू कंगाली और कर्ज के मर्ज से जूझ रहे उ प्र पावर कार्पोरेशन में एक मात्र डेटा क्लिनिग के कार्य मे पूरी तरह मशगूल नजर आ रहे है विगत कुछ माह से उनके द्वारा विद्युत विभाग के भूतो की खोज करने का अभियान जोरो पर है लगातार अपनी वीडियो कांफ्रेसिंग के ज़रिए भूत उपभोक्ताओं (धोस्ट कस्टमर) की खोज कर उन्हें पी डी करने का फरमान को सख्ती से लागू कराने की नूरा कुश्ती करते देखा जा रहा था ठीक उसी वक्त भूत उपभोक्ताओं के साथ साथ बड़केबाबू ने विगत पांच वर्षों से विभागीय भूतो की खोज कर बड़ी कार्यवाही को अंजाम दीया चुनावी दौर में नेताओ को पीछे छोड़ते हुए सुर्खियों में नजर आ रहे हैं।

इसी क्रम में बिना पूर्व सूचना और उच्चाधिकारियों की अनुमति के लंबे समय से ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहे पॉवर कार्पोरेशन के 55 अवर अभियंताओं की सेवा समाप्त कर दी गई है। जिन अवर अभियंताओं को बर्खास्त किया गया है उन पर पांच वर्ष या उससे ज्यादा समय से ड्यूटी से गायब रहने का आरोप है। दिलचस्प बात यह है कि जांच के दौरान इनमें से बहुत से अवर अभियंताओें जांच अधिकारी के समक्ष अपने बचाव में पक्ष तक नहीं रखा। बर्खास्त किए गए अवर अभियंता पावर कार्पोरेशन व उसकी सहयोगी कंपनियों में तैनात थे।पॉवर कार्पोरेशन मुख्यालय समेत विद्युत वितरण कंपनियों में तैनात 91 अवर अभियंता पांच वर्ष या उससे ज्यादा समय से बिना किसी पूर्व सूचना या उच्चाधिकारियों की अनुमति के ड्यूटी से लगातार अनुपस्थित चल रहे थे। मामला संज्ञान में आने केबाद पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने 12 अप्रैल 2021 को इसकी विस्तृत जांच मुख्य अभियंता (जांच समिति) को सौंपी थी। मुख्य अभियंता की जांच रिपोर्ट केआधार पर 55 अवर अभियंताओं की सेवा समाप्त करने का फैसला किया गया है। इस संबंध में पावर कार्पोरेशन प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने आदेश जारी कर दिया है। इन 91 अवर अभियंताओं में चार राज्य विद्युत उत्पादन निगम में तैनात हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई उत्पादन निगम कार्रवाई करेगा। शेष 87 में से 55 की बर्खास्तगी हो गई है जबकि जल्द ही 32 और जेई के खिलाफ की जाएगी। इनके खिलाफ औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।

खबर के अन्दर की खबर

यह है कि इतनी बडी कार्यवाही होने के पश्चात भी उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन की वेबसाइट पर यह आदेश अपलोड नही किये गये क्या इनको किस रूप मे देखना चाहिए क्या इस मे भी चादी का जूता चलने की गुजांइश है क्यो नही उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन की वेबसाइट को अपडेट नही किया जाता कौन रोकता है सूचनाओ और कार्यवाहीयो की सार्वजनिक करने से और क्या उद्देश है कही भ्रष्टाचार इसके पीछे की बडी वजह तो नही या इन कार्यगुजारियो को छुपाने का उच्च स्तरीय षडयंत्र तो नही । खैर

 

युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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