एक झलक

यूपी में प्रदूषण से इन शहरों के बाशिंदों की उम्र 3-8 साल तक हो जाएगी कम, नई रिसर्च ने बढ़ाई टेंशन.!!

 

 

 

लखनऊ2सितम्बर: अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी के एनर्जी पॉलिसी इन्स्टीट्यूट ने जो रिसर्च की है उसके नतीजे चिन्ता पैदा करने वाले हैं इस रिसर्च में बताया गया है कि किसी शहर में प्रदूषण का जो स्तर है उसके हिसाब से वहां के बाशिन्दों की उम्र कितनी कम होगी. यानि प्रदूषण की वजह से किसी खास शहर का इंसान कितने साल कम जियेगा. इस रिपोर्ट में यूपी के शहरों पर भी आंकड़े जारी किये गये हैं. इसके मुताबिक भदोही जिले में सबसे ज्यादा खतरा मण्डरा रहा है. सूबे के महानगरों में प्रयागराज के लिए बहुत खतरनाक हालात बताये गये हैं. प्रदूषण के आंकड़े साल 2019 तक के हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में प्रदूषण का जो स्तर भदोही जिले में पाया गया था उसके हिसाब से वहां के बाशिन्दों की उम्र औसत उम्र से साढ़े आठ साल कम हो जायेगी. यानि प्रदूषण की वजह से भदोही के व्यक्ति की उम्र साढ़े आठ साल घट जायेगी.दूसरे नंबर पर कौशाम्बी और तीसरे नंबर पर प्रतापगढ़ है. तीनों शहरों के डेटा में मामूली ही अंतर है.

रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज में प्रदूषण का जो स्तर मिला है उसके हिसाब से यहां के नागरिकों की उम्र औसत उम्र से 8.42 साल घट जायेगी. महानगरों में दूसरे नंबर पर लखनऊ और तीसरे नंबर पर वाराणसी है. लखनऊ के नागरिकों की उम्र 8.19 साल कम हो जायेगी, जबकि वाराणसी में रहने वालों की उम्र 8.01 साल कम हो जायेगी. कानपुर में रहने वालों की उम्र 7.17 साल कम हो जायेगी, जबकि नोएडा वालों की उम्र 6.8 साल कम हो जाएगी. इसी तरह गाजियाबाद वालों की उम्र 6.65 साल कम हो जाएगी.सबसे ज्यादा सुकून ललितपुर, बिजनौर और सहारनपुर के लोगों के लिए है. यहां जो प्रदूषण का स्तर पाया गया है उसके हिसाब से यहां के लोगों की उम्र महज 3 साल ही कम आंकी गई है.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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