एक झलक

यूपी में बदला रिवाल्वर का नियम: कारतूस खरीदने से पहले पढ़ लें इसे, अब करना होगा ये काम

10अप्रैल2022

-विवाह समेत अन्य मौकों पर बेवजह होने वाली फायरिंग पर अंकुश लगाने के लिए यूपी सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। लाइसेंसी रिवाल्वर व बंदूक धारकों द्वारा की जाने वाली मनमानी फायरिंग पर नकेल कसने के लिए सरकार अब लाइसेंसी रिवाल्वर से निकलने वाली हर कारतूस का ब्यौरा लेगी। ब्यौरी सही और तर्कसंगत होने के बाद ही उन्हें नए कारतूस दिए जाएंगे।

इसका तात्पर्य़ है कि हथियारधारकों को पूर्व में दिए गए एक-एक कारतूस का हिसाब देना होगा, तब ही उन्हें नया कारतूस मिल सकेगा। नये नियम पूरे राज्य में लागू की जा चुकी है। अब कारतूस के लिए एसडीएम और सीओ से इजाजत लेनी होगी।

कारतूस लेने के लिए पहले ये था नियम

पूर्व में लाइसेंस धारकों को कैटेगरी के मुताबिक कारतूस रखने की अनुमति होती थी। एक बार में 10 कारतूस तो एक साल में अधिकतम 200 नए कारतूस खरीदने की सीमा तय थी। इन्हें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दुकानदार से ही खरीदे जा सकते थे। हथियारधारक निर्धारित कोटे के अनुसार कारतूस दुकान से खरीद सकता था। ये कारतूस उसके लाइसेंस पर अंकित किए जाते थे। हथियार धारक तय सीमा से अधिक कारतूस नहीं खरीद सकते थे। इसकी जिम्मेदारी सरकार से मान्यता प्राप्त हथियार दुकानदार पर होती थी।

सरकार का नया आदेश

यूपी सरकार ने कारतूस खरीदने को लेकर नया दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि अब लाइसेंस धारकों को नए कारतूस लेने से पहले पुराने कारतूस का हिसाब देना होगा। उन्हें बताना होगा कि पुराने कारतूस का इस्तेमाल क्यों और कहां हुआ है। नया कारतूस लेने से पहले एसडीएम और सीओ से भी इजाजत लेनी होगी। इसके अतिरिक्त नया कारतूस लेने के लिए दुकानदार के सामने पहले 80 प्रतिशत कारतूस के खोखे भी जमा करने होंगे। संबंधित अधिकारी के इजाजत के बाद ही दुकानदार नए कारतूस लाइसेंस धारक को दे सकेगा।

खिलाड़ियों के लिए भी कड़े हुए नियम

राज्य सरकार का नया आदेश शूटिंग के खिलाड़ियों पर भी लागू होगा। उन्हें 90 फीसदी कारतूस जमा करने होंगे, उसके बाद ही नए कारतूस को उनको दिया जाएगा। दरअसल शूटिंग के खिलाड़ियों को अधिक कारतूस की जरूरत पड़ती है।

दरअसल ऐसा देखा गया है कि शादी व्याह में होने वाले हर्ष फायरिंग से कई बार हादसे हो जाते हैं। इसके अलावा लाइसेंसधारकों द्वारा बेवजह फायरिंग करने की भी घटना सामने आती रहती हैं। लिहाजा शासन ने ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ये सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *