एक झलक

लखनऊ के बटलर झील में 50 कुंतल मछलियां पढ़े-लिखे मूर्धन्य और ताकतवर लोगों के निकम्मेपन की भेंट चढ़ गई…..

लखनऊ22मार्च:होली के दौरान प्रयोग हुए रासायनों और सीवेज का पानी सीधे बटलर झील में जाने से पानी में ऑक्सीजन लेबल काफी कम होने के कारण 50 कुन्तल मछलियां मर गई।

लखनऊ के हजरतगंज से 1 किमी के फांसले पर बटलर झील और बटलर पैलेस है। बटलर झील नवाबों के समय से लेकर ब्रिटिश हुकूमत तक वहाँ के निवासियों के लिए सैर-सपाटे की प्रमुख जगह हुआ करता था। उस समय गोरे प्रशासनिक अफसरों और जजों का निवास स्थान हुआ करता था। उनके जाने के बाद काले प्रशासनिक अफसरों और जजों का निवास स्थान हो गया। वर्तमान में नेता और पत्रकारों का भी निवास स्थान है।

जाहिर है यहाँ निवास करने वाले सभी लोग पढ़े-लिखे मूर्धन्य और ताकतवर लोग हैं। यहाँ रहने आये अधिकारियों में से कई लखनऊ के जिलाधिकारी और जिला जज रहे हैं। लेकिन किसी ने इसकी सुध लेने की कोशिश नहीं की। वहाँ निवास कर रहे पत्रकारों की तो विश्व के पर्यावरण और जल संरक्षण के संकट पर लिखे लेखों से अलमारियां भर गई होंगी। लेकिन बगल की झील का कायाकल्प हो जाये। इसका प्रयास नहीं हुआ।

एतिहासिक बटलर पैलेस झील का कायाकल्प के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा इसके सुन्दरीकरण की योजना 8 नवम्बर 2021 को तैयार की गई। इसके सुन्दरीकरण पर पांच करोड़ रुपए खर्च किये जाने की बात की गई। शासन ने एलडीए को इसका बजट उपलब्ध कराने के साथ तीन महीने के भीतर सुन्दरीकरण का काम शुरू किये जाने का निर्देश दिया था। लेकिन वह अभी तक जमीन पर नहीं उतर पाया।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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