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विद्युत विभाग:आस्था के नाम पर लूट की खुली छूट,माघ मेला में घोटाले बाजो को पुनः व्यवस्था की जिम्मेदारी,मेला में बिजली के तारो की चोरी के आरोपी फर्म को दे दिया पुनः टेंडर

वाराणसी 19 दिसम्बर:पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में भ्रष्टाचारियों के नित नए कारनामें सामने आते रहते है चाहे अवैध तरीके से 11 हजार की लाइन सिफ्टिंग हो या बिजली बिलो में हेरा-फेरी कर लाखो की चोट विभाग को पहुंचाने के मामले हो उच्च प्रबंधन के द्वारा लगातार ऐसे भ्रस्टाचारियो को चिन्हित कर दंडनात्मक कार्यवाही भी की परंतु भ्रष्टाचारी भी उच्च प्रबंधन की आँख में आँख डाल कर अपने आकाओ के बल पर नये-नये कारनामो से भ्रष्टाचार की अलख जागते रहते है औऱ लगातार चढ़ावा चढ़ाने से मलाईदार पोस्टिंग,बे रूकावट प्रमोशन का आशिर्वाद लेते रहते है चढ़ावे के वज़न से भ्रष्टाचारियों की फ़ाइले या तो गुम हो जाती है या फ़ाइलो के ढेर में दबा दी जाती है औऱ जिन में ज़्यादा पूछ-ताछ होती है उनको जांच के नाम पर लटका दी जाती है। ताजा मामला भ्रष्टाचार में शीर्ष पर रहने वाले प्रयागराज जिले का है।

कुम्भ के घोटाले बाजो को माघ मेला की मिली जिम्मेदारी

प्रयागराज में प्रति वर्ष होने वाले माघ मेले में लाखों का बजट सरकार के द्वारा आवंटित होता हैं जिसके तहत मेले में बिजली व्वयस्था की जिम्मेदारी विद्युत विभाग की होती है मेले में लाइन निर्माण के साथ लगने वाले विभिन्न विभागों,घार्मिक अखाड़ों,कल्प वासियो के कैम्प में अस्थायी बिजली कनेक्शनों के लिए लाखों के काम टेंडर के माध्यम से लिये जाते है इन्ही टेंडरों को देने के लिये अपने चहेतों ठेकेदारों की तमाम कमियों को छुपा कर टेंडर दे दिया जाता है औऱ कुछ काम सिर्फ वर्क आर्डर से कराये जाते है।
पूर्व में हुए इसी तरह के कामो की जांच के बाद लाइन निर्माण औऱ अस्थायी विद्युत कनेक्शन में लाखों का घोटाला पकड़ा गया,जांच हो रही है जो अधिकारी जिम्मेदार थे उनपर विभागीय जांच हो रही है पर इस बार मेले की व्यवस्था की जिम्मेदारी पुनः उन्ही अधिकारियो के हाथों में है औऱ ये भ्रष्टाचार की गाथा में फिर उन्ही फर्मो को टेंडर दे दिया जिनपर ऐलुमिनियम के कई सौ किलोमीटर के तारो की चोरी के आरोप है।

माघ मेले में अस्थाई कनेक्शन के फर्जी बिलो के भुगतान करने वाले अभियन्ता को पुनः मिला मेले का चार्ज

माघ मेले में कल्प वासियो को अस्थाई कनेक्शन देने के लिए अनुबंधित फार्म के द्वारा फर्जी कनेक्शनों के बिल लगा कर भुगतान लेने के लिए लागये गये बिलो की जाँच में लेखाकार द्वारा आपत्ती लगाने के बाद प्रबंध निदेशक के द्वारा एक दो सदस्यों की जांच कमेटी बनाई पर कमेटी की जाँच तो नही पूरी हुए अधिषासी अभियन्ता ने दूसरे लेखाकार से रिपोर्ट लगवाकर फर्जी बिलो का भुगतान अनुमोदित कर ERP पर अपलोड भी कर दिया वही जांच कमेटी अभी बनारस से प्रयागराज पहुँचने में 2 महीने लगा दिए,जांच आज भी लंबित है औऱ भुगतना हो गया।
इस तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त अधिषासी अभियन्ता को पुनः माघ मेले की जिम्मेदारी दी गयी है।
मुख्य अभियंता, प्रयागराज जोन औऱ डिस्कॉम प्रबंधन को सब है ख़बर पर चांदी की चमक औऱ पैसों की खनक के आगे बने बे-ख़बर

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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