विद्युत विभाग:उपभोक्ताओं को लूटने का फंडा, नही चल रहा शंभू का डंडा,दूरदृष्टि हुईं बंद,जाने कैसे लूटा जाता है
वाराणसी 25 फरवरी:सरकार औऱ ऊर्जा मंत्री के द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को बिजली सेवा लेने औऱ लेने के बाद की तमाम तरह की समस्याओं के निदान के लिए कई योजनाएं चलाई परन्तु हर योजना में भ्रष्टाचार के आदी कुछ कर्मचारियो/अधिकारियो ने कमाई का जरिया निकाल लिया,उपभोक्ता पहले की तरह आज भी उत्पीड़ित हो रहा है औऱ भ्रष्टाचारियो के जाल में फस कर लुट रहा है बिजली समस्याओं की शिकायत के गुणवत्ता पूर्वक निस्तारण के लिए 1912 औऱ igrs पोर्टल बनाया इसके बावजूद उपभोक्ता परेशान है।
राजस्व निर्धारण के बाद होता है उपभोक्ताओं को निचोडने का काम,बड़के बाबू दौड़ाते कागजी घोड़ा
पूर्वान्चल में मिर्जापुर से प्रतापगढ़ से लगायत वाराणसी में हो रहा है बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं को लूटने का काम।
मिर्जापुर में 10 लाख के राजस्व निर्धारण कर 5 लाख मांगने पर उपभोक्ता ने शिकायत की अवर अभियंता निलंबित
प्रतापगढ़ में 80 लाख का राजस्व निर्धारण कर बगैर एक रुपइया वसूले निलंबित अवर अभियंता 10 दिनों में बहाल
वाराणसी में 8 लाख का राजस्व निर्धारण कर 2 लाख सहायक अभियंता घूस लेने के बाद अधिषासी अभियन्ता भी 2 लाख मांगने की शिकायत
जो जागरूक उपभोक्त है वो तो शिकायत कर देते है कुछ तो विजलेंस से रंगेहाथों पकडवा देते है पर बहुत सारे उपभोक्ता ऐसे भी है जो शिकायत नही करते है कही न कही उपभोक्त भी जिम्मेदार होता है उपभोक्ता की इन्ही कमजोरियो का फायदा उठा कर उसको लूटा जाता है।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में विद्युत चोरी के रोकथाम के लिए विभाग ने समयांतरालो में तमाम कदम उठाए जैसे मॉर्निंग रेड,कटिया कनेक्शन अभियान के साथ नियमित तौर पर विद्युत चेकिंग करना आदि-आदि साथ ही साथ विभाग में भारी भरकम पुलिस ले कर विजलेंस टीमो का गठन किया विभागीय टीमो के अलावा विजलेंस टीमो को विद्युत चोरी रोकने में लगाया गया,जिसका सकारात्मक परिणाम भी मिले पर साथ मे भ्रष्टाचार भी पनपने लगा विजलेंस टीम औऱ विभागीय टीमो को विद्युत चोरी के रोकथाम के लिए मिली शक्ति औऱ विद्युत नियमो के चक्रव्यूह में उपभोक्ताओं पर मनमानी करते हुए अनाप सनाप राजस्व निर्धारण कर लाखो का बिल थमा दिया जाता है फिर उपभोक्ता से राजस्व निर्धार के सुघार औऱ FIR खत्म करने नाम पर सुरू होता है अवैध वसूली का खेल।
झटपट पोर्टल बना झंझट पोर्टल,बड़के बाबू की दूरदृष्टि बंद
उपभोक्ताओं को आसानी से कनेक्शन मिल जाये उसके लिए झटपट पोर्टल बना उसमे भी भ्रष्ट अधिकारियों/कर्मचारियो ने उपभोक्ताओं को लूटने का जरिया बना लिया है। झटपट पोर्टल का प्रतिदिन अनुश्रवण भी हो रहा है पर व कागज़ो में सिमट जा रहा है आम सीधी साधी जनता से आज भी पोर्टल पर अप्लाय करने के बाद 5 से 10 हजार रुपइया वसूला जा रहा इस अवैध वसूली में अवर अभियंता औऱ जनता के बीच संविदा कर्मी पुल का काम कर रहे है जिन उपभोक्ताओं ने रुपइया नही दिया उनका या तो लंबा चौड़ा स्टीमेट बना देते है या रिजैक्ट कर देते है।
कुछ उपभोक्ताओं के द्वारा शिकायत पर बनारस में अवर अभियंता औऱ सहायक अभियंता निलंबित भी हो चुके है।
ग़ाज़ीपुर में PTW के लिए 50 हजार घूस मांगने की जांच औऱ कार्यवाही फ़ाइलो में दफ़न है
ऐसे बहुत सारे मामले है जो प्रकाश में नही आ पाते है।
पड़ताल जारी है…….
भ्रष्टाचार के विरुद्ध शेष है युद्ध।