विद्युत विभाग:कब तक चलेगा ये खेल?कार्यदायी संस्था औऱ प्रबंधन का गठजोड़,हर विद्युत दुर्घटना में JE/SDO को बनाते है बली का बकरा,सैकड़ों मौतों के बाद भी आज तक नही हुई ठेकेदार पर कार्यवाही
वाराणसी 23 जनवरी:हमेशा की तरह हर विद्युत दुर्घटनाओं के बाद प्रबंधन अपनी गलतियो का ठीकरा JE/SDO पर फोड़ कर,एक जांच समिति बना कर इति श्री कर लेती है। JE/SDO पर पर्यवेक्षण औऱ अनुरक्षण को दोषी बना कर तत्काल निलंबित किया जाता है। दूसरी तरफ Ac कमरों में बैठे अधिकारियो पर पर्यवेक्षण औऱ अपने कर्तव्यों के पालन न कर पाने में कोई कार्यवाही उच्च प्रबंधन नही करता है।
विभागिय कर्मचारियो का कहना है कि जब 11 हजार लाइन के शट डाउन लेने के लिए लाइन मैन अधिकृत है तो इसके लिए JE/SDO को जिम्मेदार मान कर तत्काल कार्यवाही क्या होती हैं, किसका दबाव रहता है?
विभाग में वितरण क्षेत्रों में कार्य करने के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से कुशल औऱ अकुशल संविदाकर्मियों को रखा जाता है,जिनको विभाग में कार्य करने के दौरान टेंडर में कई तरह की शर्तों का पालन करना/कराना होता है।
अल्प वेतन भोगी संविदा कर्मी अपनी नौकरी को बचाने के लिए दबाव में अपनी जान दाव पर लगा कर काम करते है इनकी सुनने वाला कोई है ही नही,कुछ बिभागीय संगठनो को छोड़ दे तो ज्यादा तर संगठन अपनी नेतागिरी इन संविदाकर्मियों के नाम पर चमकाते रहे है,हर बार विद्युत दुर्घटना पर ये संगठन भीड़ जुटाते है पर कमरों में क्या बात करते है संविदाकर्मियों की या अपने चहेतों की?।आज भी संविदाकर्मियों की समस्याएं मुँह बया उनके सामने खड़ी है।
विभाग में ठेकेदारो के द्वारा रखे जाने वाले संविदाकर्मियों की कार्य कुशलता की जांच की कोई समिति नही है,जिसकी वजह से कई संविदाकर्मियों के साथ हादसे हुए है जिनमे देखा गया है कि अकुशल से कार्य लिया जा रहा था।
विभाग में आज तक किसी भी ठेकेदार पर कोई भी कार्यवाही नही हुई औऱ न ही ठेकेदारो द्वारा शर्तो का पालन हो राह है या नही इसके लिए कोई समिति बनी है।