विद्युत विभाग:पूर्वांचल,आखिर क्यों नही रुक रही है संविदाकर्मियों के साथ विद्युत दुर्घटना अवर-अभियंता की कार्यप्रणाली जिम्मेदार या विद्युत आपूर्ति की जल्द बहाली का दबाव,पावर हाउसों में सुरक्षा उपकरण नदारद
अवर-अभियंता के निलंबन औऱ कुछ संविदाकर्मियों की बर्खास्तगी कर सोते जिम्मेदराना
वाराणसी 27 अगस्त:पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड पिछले कई महीनों से हर 15 दिन पर संविदाकर्मियों के साथ घातक /अघातक विद्युत दुर्घटनाओं का शिलशिला चल रहा है आज भी नगरीय विद्युत वितरण खंड पंचम वाराणसी के अंतर्गत 33 /11 बड़ा लालपुर सब स्टेशन पर तैनात विद्युत संविदा कर्मचारी रवि पटेल का क्राइस्ट नगर में ट्रांसफार्मर से लाइन बनाते विद्युत स्पार्क की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गया,जिसका इलाज राज्य स्वास्थ्य बीमा निगम ने रेफर करते हुए अनंत हॉस्पिटल रोहनिया में हो रहा है। हॉस्पिटल में संविदाकर्मी के परिजनों के अलावा खंड के अधिशासी अभियंता,उपखंड अधिकारी,अवर अभियंता औऱ पूर्वांचल विद्युत संविदा मजदूर संघ के अध्यक्ष श्री राजेश कुमार सिंह मौजूद थे और घायल कर्मी के परिवार से सांत्वना देते हुए पूरी मदद का आश्वासन दिया।
अवर-अभियंता है अपने पावर हाउस के गैंग का जिम्मेदार,नही लेते घटनाओं से सबक,आज भी फोन पर लिया जाता है सट-डॉन
कारपोरेशन के द्वारा पावर हाउस के संचालन औऱ लाइन पर काम करने के लिए वाह्य एजेंसियों द्वारा संविदाकर्मियों की भर्ती की औऱ सारी अथॉरिटी खंडों को प्रदान की,ठेकेदार संविदाकर्मी उपलब्ध कराता है।लाइन पर सारे संविदाकर्मी अवर-अभियंता की देख रेख में काम करते है,जब भी कोई लाइन फाल्ट होती है तो उसको बनने के लिए अवर-अभियंता के निर्देश पर संविदाकर्मी लाइन बनाने जाते है उससे पहले अवर-अभियंता सट-डाउन लेता है।इस पूरी प्रक्रिया में अवर-अभियंता की मुख्य भूमिका होती है,जिसके लिए कारपोरेशन ने आदेश/निर्देश भी दे रखे है
अवर-अभियंता से लेकर संविदाकर्मियों द्वारा उन निर्देशो की अवहेलना करते हुए सब कुछ फोन से किया जाता है जो विधुत दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है औऱ संविदाकर्मी भी टेलिफ़ोनिक आदेश/निर्देश पर बग़ैर सुरक्षा उपकरणों के लाइन पर काम करने लगते है। कहीं न कहीं सुचारू विद्युत आपूति,जल्द विद्युत बहाली को प्रबंधन के दबाव के कारण भी आदेशों/निर्देशो को दरकिनार किया जाता है क्यों की हर शाम निर्धारित शेड्यूल के अनुसार विद्युत आपूर्ति भी सूचना उच्चाधिकारियों को देनी है।
ऐसा लगता है की प्रबंधन के पास लगातार हो रही विद्युत दुर्घटनाओं से बचने के लिए सिर्फ निर्देश जारी करने के अलावा जमीनी स्तर पर कोई कार्य योजना नही है कोई भी ये नही समझ पा रहा है कि इतने निर्देशो/आदेशो के बावजूद विद्युत दुर्घटना क्यो हो रही है औऱ इनको कैसे रोका जाए,किंकर्तव्यविमूढ़ जैसी स्थिती हो चुकी है।