विद्युत विभाग:लखनऊ समेत पूर्वांचल तक जेब गर्म होते बिजली चोरी का गुनाह हाफ या पूरा माफ,बड़के बाबू के कार्यवाही के अलग अलग मापदंड
वाराणसी/लखनऊ/प्रतापगढ़ 19 फरवरी:उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में विद्युत चोरी के रोकथाम के लिए विभाग ने समयांतरालो में तमाम कदम उठाए जैसे मॉर्निंग रेड,कटिया कनेक्शन अभियान के साथ नियमित तौर पर विद्युत चेकिंग करना आदि-आदि साथ ही साथ विभाग में भारी भरकम पुलिस ले कर विजलेंस टीमो का गठन किया विभागीय टीमो के अलावा विजलेंस टीमो को विद्युत चोरी रोकने में लगाया गया,जिसका सकारात्मक परिणाम भी मिले पर साथ मे भ्रष्टाचार भी पनपने लगा विजलेंस टीम औऱ विभागीय टीमो को विद्युत चोरी के रोकथाम के लिए मिली शक्ति औऱ विद्युत नियमो के चक्रव्यूह में उपभोक्ताओं पर मनमानी करते हुए अनाप सनाप राजस्व निर्धारण कर लाखो का बिल थमा दिया जाता है फिर उपभोक्ता से राजस्व निर्धार के सुघार औऱ FIR खत्म करने नाम पर सुरू होता है अवैध वसूली का खेल।
प्रदेश मुख्यालय की नाक के नीचे चलता खेल
लखनऊ में तो विजलेंस टीम द्वारा विद्युत चोरी पकड़े के तुरंत बाद मौके पर ही अवैध वसूली का खेल चालू कर देते है शूत्रो के अनुसार 20-30 हजार ले कर सारा मामला समाप्त कर दिया जाता है जिस उपभोक्ता ने नियमो की बात की उसको विभाग के नियमो की जानकारी देते हुए कई गुना अधिकतम राजस्व निर्धारण कर बिल थमा दिया जाता है उसके बाद उपभोक्ता वितरण खंडों के चक्कर लगाता फिरता है लाखो के राजस्व निर्धारण औऱ वसूली नोटिस के देने के बाद खंडों में होता है अवैध वसूली का खेल। जिसने जितना तौल उसका राजस्व कुछ हजारों में संसोधित कर FIR निरस्त कर मामले को खत्म किया जाता है लखनऊ विजलेंस टीम के कारनामे की खबर तो प्रमुख खबरिया चैनल पर भी देखी जा सकती है।
प्रतापगढ़ भी नही पीछे,लखनऊ डाल-डाल तो प्रतापगढ़ पात-पात
कहते है गुनाह औऱ भ्रष्टाचार छिपता नही है अभी न कभी सर् पर चढ़ कर बोलता है इसी क्रम में ताजा मामला प्रतापगढ़ के वितरण खंड-प्रथम के अंतर्गत का है जंहा पर राइस मिल को लाइन पर सीधे केबल डाल कर लगभग 90 किलोवाट की बिजली चोरी करते राइस मिल चलाते विभागीय विजलेंस टीम ने रंगेहाथों पकड़ा। राइस मिल का स्वकृत वैध कनेक्शन 40 किलोवाट का है जिसपर बकाया होने के कारण लाइन को काट दिया गया था अधीक्षण अभियंता ने अवर अभियंता को निलंबित कर दिया। उसके बाद सुरू हुआ मिल मालिक के अवैध वसूली का खेल 90 किलोवाट की विद्युत चोरी को 42 किलोवाट का कर लगभग 72 लाख का राजस्व निर्धारण कर दिया अब मिल मालिक से प्रत्यावेदन ले कर सिर्फ 1 दिन की चोरी का राजस्व निर्धारण करने का खेल चल रहा है।
भ्रष्टाचार के तराजू में तौले जाते मापदण्ड,वाराणसी जोन में भी एक प्रकरण है चर्चाओं में
सारे प्रकरण की जानकारी पुर्वांचल डिस्कॉम के बड़के बाबू उनके चिपकू औऱ निदेशक, वाणिज्य तक को है प्रश्न उठता है कि वाराणसी में सत्कार होटल में 20 किलोवाट की चोरी पकड़े जाने पर संबंधित खंड के अधिषासी अभियन्ता से लेकर सहायक अभियंता,अवर अभियन्ता औऱ बिल क्लार्क तक को निलंबित करने वाले बड़के बाबू पर प्रतापगढ़ में 90 किलोवाट की चोरी में अभी तक निगम हित मे कोई कार्यवाही न किया जाना प्रकरण में भ्रष्टाचार का बल दर्शाता है।
वाराणसी जोन के नगरीय वितरण खंड का विद्युत चोरी औऱ राजस्व निर्धारण के मामले में कमाई गई मलाई की चर्चा भी खूब हो रही है जिस प्रकरण की मलाई नीचे से ऊपर तक बट चुकी है जिसकी वजह से जिम्मेदारानो ने भी चुप्पी साध ली है।
पड़ताल जारी है
भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभी शेष है………….…