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विद्युत विभाग:संघर्ष समिति का बिजलीकर्मियों को संदेश:एक्ट में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी शक्ति के साथ उतरने की तैयारी

यू०पी०इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसफर स्कीम-2000 का है उल्लंघन,फ्री नही मिलती, है सिर्फ रिआयत

वाराणसी 28 मई:उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड में बिजलीकर्मियों को मिल रही रियायती बिजली की सुविधा बंद होने से पूरे प्रदेश के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ सेवा सेवानिवृत्त कर्मचारियों में भारी गुस्सा औऱ रोष व्याप्त हो चुका है।
एक्ट के तहत मिलती रही सुविधा

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद के समस्त बिजली कर्मियों को रिआयती बिजली की सुविधाएं प्राप्त थी वर्ष-2000 में राज्य विद्युत परिषद का विघटन कर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अस्तित्व में आने के बाद उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रीसिटी ट्रांसफर स्कीम-2000 के तहत बिजलीकर्मियों को तमाम परिषदीय सेवा लाभों के साथ रिआयती बिजली की सुविधा एक्ट के तहत मिलती रही।
वर्ष 2016 के बाद पावर कारपोरेशन बिजली कर्मियों और पेंशनरों को यह सुविधा सब्सिडी देकर देता रहा है

25 मई,2023 को जारी आदेश में एलएमवी 10 समाप्त कर बिजली कर्मियों और पेंशनरों को LMV 1 में डाल दिया गया है। यह पूरी तरह से UP Electricity Reform Act 1999, Electricity Act2003 और UP Reform Transfer Scheme 2000 के प्रविधानों का सर्वथा उल्लंघन है। पॉवर कारपोरेशन को रियायती बिजली की सुविधा एक्ट के अनुसार देनी चाहिए। मौजूदा प्रबन्धन की मानसिकता सभी को पता है। एक्ट के तहत प्रदत्त अपने अधिकार की रक्षा के लिए हमें पूरी शक्ति लगानी होगी।
वर्ष 23-24 के टैरिफ में एक्ट के तहत मिल रही रिआयती बिजली की सुविधा समाप्त कर दी गई।

रिआयत के बावजूद बिजलीकर्मी प्रतिवर्ष करते है करोड़ो का बिजली बिल भुगतान

उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मी प्रति वर्ष रियायती दरों पर 210 करोड़ रुपए का बिजली बिल का भुगतान एडवांस में करता है और विभाग को यह 210 करोड़ का भुगतान बिना किसी मैन पावर, बिना किसी कंप्यूटर के इस्तेमाल के, बिना किसी कागज के जो बिल निकलने के लिए इस्तेमाल हुआ हो।

बिजलीकर्मी जमा करता है बिजली का मूल्य,नही मिलती है फ्री बिजली,होती है सिर्फ रिआयती

बिजली कर्मियों का कहना है कि बिजली का मजदूर, विभाग को, विभाग के बिना किसी बिल वसूलने के प्रयास को किए हुए ही यह 210 करोड़ रुपए का भुगतान, एडवांस में अपनी सैलरी से करता है, उसी बिजली के उपभोग के मूल्य को जिस बिजली के बिल को जमा करने के लिए उपभोक्ता को 45 दिनो का समय दिया जाता है..महीने का पूरा 30 दिन और उसके बाद 15 दिन का ग्रेस पीरियड.. फिर भी कहा जाता है की बिजली का मजदूर, बिजली फ्री में जलाता है जबकि हकीकत ये है की हम बिजली के मजदूरों को जनता के हित के लिए यह बिजली,जो हम खुद बनाते है और उसको जन जन तक पहुंचते है हमको रियायती दरों पर इस्तेमाल करने को मिलती है।

अन्य विभागों से तुलना

बिजलीकर्मियों का कहना है कि परिवहन निगम या रेलवे की तरह पूरे परिवार के लिए फ्री नही मिलती बल्कि इसका मूल्य हमे चुकाना पड़ता है ..हां ये अवश्य है की रियायती दरों की सुविधा के साथ.. क्या हमे इस सुविधा का हक नही..?? ऐसे तो बैंक वालो को भी कम से कम ब्याज पे लोन मिलता है,तो फिर उत्तर प्रदेश के बिजली मजदूरों को क्यों नही,जो पूरे प्रदेश को रोशनी देने के लिए अक्सर अपने ही घर में अंधेरा कर लेते है,ऐसा कोई दिन नही जाता जब पूरे प्रदेश से हमारे किसी भाई की मौत की खबर न आती हो,अपने काम को करते करते शहीद हो रहे है।

एक्ट के अनुसार क्या है रियायती बिजली की सुविधा

उप्र के बिजली कर्मियों को रियायती बिजली की सुविधा UP Electricity Transfer Scheme 2000 के तहत प्रोटेक्टेड है। वर्ष 2015 तक उप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में लिखा जाता था।
The benefits for employees/pensioners as provided in section 12 of the UP Reform Transfer Scheme 2000 include “concessional rate of electricity” which means concession in rate of electricity to the extent it is not inferior to what was existing before 14 January 2000.The rates and charges indicated above are strictly in adherence of above statutory provisions.
UP Electricity Reform Act 1999 के सेक्शन 23(7) और Electricity Act 2003 के सेक्शन 133(2) के अंतर्गत भी राज्य बिजली बोर्ड के विघटन के पूर्व मिल रही सुविधा को प्रोटेक्ट किया गया है, यह भी टैरिफ आदेश में उल्लेख किया जाता था।
वर्ष 2016 में उप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में इस सम्बन्ध में यह कहा गया…On departmental employees LMV 1 rate schedule shall be applicable.
However the Licensees shall be authorised to provide rebate as they deem fit to the consumers eligible to get supply under the category.
वर्ष 2016 के बाद पावर कारपोरेशन बिजली कर्मियों और पेंशनरों को यह सुविधा सब्सिडी देकर देता रहा है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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