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विद्युत विभाग:हड़ताल का दिखने लगा प्रभाव,हजरों मेगावाट बिजली उत्पादन ठप्प,प्रबंधन की व्यकल्पिक व्यवस्था हवा-हवाई,हडताली कर्मचारियो से 12-12 घण्टे करवाया कार्य

वाराणसी/लखनऊ17 मार्च: संघर्ष समिति के आव्हान पर रात 10 बजे से हड़ताल की घोषणा के बाद विद्युत परियोजनाओं,ताप बिजली घरों,उपकेन्द्रो पर इसका असर दिखाने लगा है । बिजलीकर्मियो के द्वारा हड़ताल के चलते इकाइयां बन्द होना शुरू…
ओबरा, आनपारा,और हरदुआगंज में संध्या पाली के बिजली कर्मियों को लगातार 16 घण्टे जबरन रोक कर कार्य कराया गया। भूखे प्यासे बिजली कर्मियों को एक प्रकार से बंधक बनाकर कार्य कराया गया। अंततः प्रशासन झुका।
ओबरा ताप बिजली घर में 200-200 मेगावॉट क्षमता की 9 व 11 नम्बर इकाइयां बिजली कर्मियों की उपलब्धता न होने के कारण बन्द की जा रही हैं। आनपारा ए में 210-210 मेगावॉट क्षमता की 1 व 2 नंबर इकाइयां बन्द की जा रही हैं। ओबरा व आनपारा में अन्य इकाइयों का संचालन एन टी पी सी के लोग कर रहे हैं।
पारीछा में सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं। इकाइयों का संचालन रिलायंस व बजाज के लोग कर रहे हैं। परीक्षा में 210 मेगावॉट की 4 नंबर इकाई बंद कर दी गई है।
हरदुआगंज में एन टी पी सी के लोग आ गए हैं किंतु 660 मेगावॉट की इकाई पर बिजली कर्मियों को 16 घंटे से रोक कर रखा गया था। अब हरदुआगंज में भी सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं।
इस प्रकार 16-17 घंटे के बाद सभी ताप बिजली घरों से सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं और शत प्रतिशत हड़ताल है। बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते 1030 मेगावॉट क्षमता की इकाइयां अब तक ठप्प हो गई हैं।
हड़ताल की नोटिस के बाद शासन औऱ ऊर्जा प्रबंधन के द्वारा बिजली सप्लाई औऱ उत्पादन बाधित न होने पाए इसके लिए जो व्यकल्पिक व्यवस्था की गई व ज्यादातर जगहों पर सिर्फ कागजों पर दिखी जिसके चलते प्रदेश के कई उपकेन्द्रों के ठप होने की खबरे आई, प्रशासन ने कुछ जगहों पर हडताली बिजलीकर्मियो को 12-12 घंटे रोक कर कार्य करवाया बाद में उन भी रिलीव करना पड़ा।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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