विद्युत विभाग: शंभू राज में संभव: झटपट पोर्टल की मॉनिटरिंग फेल, अक्टूबर-22 से बनी है पेंडेंसी, उपभोक्त का हाल बेहाल हो गया , जनवरी-23 में उपभोक्ता पहुँची दरबार, राजा मस्त जनता त्रस्त
वाराणसी 26 अप्रैल: पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के ग्रामीण मंडल के भ्रष्टाचार की कुंडली से एक औऱ भ्रष्टाचार का मामला शंभू के दरबार मे दम तोड़ता नज़र आया। MD, पूर्वान्चल के ग्रामीण मंडल के भ्रष्टाचार के काले कारोबारियों के प्रति नरम रवैये से ग्रामीण मंडल में आये दिन भ्रष्टाचार के मामले आने औऱ उपभोक्ताओं से अवैध वसूली का शिलशिला जारी है। मंडल मुखिया अपने पर्यवेक्षणीय दायित्व के कर्तव्यों को छोड़ कर काली कमाई में लगे है और भ्रष्ट चहेतों को कवच बने हुए है।
उपभोक्ता परेशान हो कर डिस्कॉम मुखिया से पूछ लिया कि उसको कनेक्शन मिलेगा की नही?
ताजा मामला बरईपुर खंड में झटपट पोर्टल के माध्यम से अवैध वसूली से जुड़ा है
#एप्लीकेशन नंबर-1012055986
#उपभोक्ता सुधा सिंह,अवलेशपुर,कंदवा निवासी द्वारा LMV-2 विधा में 20 किलोवाट के कनेक्शन के लिए अक्टूबर-22 में झटपट पोर्टल पर आवेदन किया
#अवर अभियंता औऱ सहायक अभियंता द्वारा फिसिबिल्टी रिपोर्ट के साथ रूपये 273153/- का स्टीमेट अपलोड किया
#उपभोक्ता के द्वारा स्टीमेटेड धनराशि 15/10/22 को विभाग में जमा कर दी
#नंबर-22 में उपभोक्ता को लाइन बना कर मीटर लगा देना था
# पैसा जमा होने के बाद लाइन बना कर कनेक्शन देने की जिम्मेदारी सहायक अभियंता, उपखंड-प्रथम/द्वितीय बरईपुर वाराणसी की थी
सभी लोग अपनी जिम्मेदारी मे फेल उपभोक्ता के साथ हो रहा खेल
सूत्र बताते है कि मंडल मुखिया ने अभी लाइन नही बनाने का फरमान जारी किया है, उपभोक्ता से मांडोली जारी है मांडोली के तहत 50000/- की मांग है मिलेगा तो लाइन बना कर कनेक्शन दे दिया जाएगा नही मिलने पर उपभोक्ता को नया स्टीमेट लगभग 5-6 लाख का बनाने का डर दिखाया जा रहा है।
बताते चले झटपट पोर्टल पर कनेक्शन के लिए चरणबद्ध के साथ समयबद्धता निर्धारित है जिसकी मॉनिटरिंग मुख्य अभियंता से लेकर डिस्कॉम मुख्यालय औऱ UPPCL मुख्यालय दिन प्रति दिन करता है औऱ निर्धारित समय के बाद पेंडेंसी के लिए स्पष्टीकरण जारी करती है पर आश्चर्य की बात हैं इस पेंडेंसी पर अभी तक नज़र क्यो नही पड़ी।
वैसे पैसा बोलता है सभी को तौलता है
भ्रष्टचार और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है