पूर्वांचल

विद्युत विभाग:: सुर्खियों में रहने वाले विद्युत वितरण खण्ड बरईपुर में गलत बिजली बिल बनाने पर मीटर रीडर बर्खास्त।।।पूरे खंड की होगी जांच

वाराणसी13जुलाई: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी विद्याभूषण के आदेश पर स्टर्लिंग कंपनी के मीटर रीडर रवि कुमार विश्वकर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है। उपखंड अधिकारी वीरेंद्र यादव और अवर अभियंता रामअवतार को चार्टशीट दी। गई है। यह कार्रवाई मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान बाटी-चोखा के एक विक्रेता की शिकायत पर की गई। जांच में शिकायत सही मिली। इस एक शिकायत के बाद विद्युत वितरण खंड- द्वितीय, ग्रामीण में गत एक माह के दौरान हुई बिलिंग की जांच कराने का निर्णय लिया गया है।

संभव के तहत जनसुनवाई में खुली भ्रष्टाचार की पोल

जनसुनवाई में मंडुवाडीह में बाटी चोखा की दुकान चलाने वाले संतोष कुमार ने बताया कि उसके बरईपुर स्थित घर में बिजली कनेक्शन पत्नी दया कुमारी के नाम है। मकान अक्सर बंद रहता है। पहले हर महीने 250-300 रुपये के बिजली बिल का समय पर ऑनलाइन भुगतान कर दिया जाता था। जून में 5484 रुपये का बिल आ गया। इस पर एमडी ने विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिकारियों को तत्काल मौके पर जाकर रीडिंग चेक करने का आदेश दिया। मौके पर हुई रीडिंग के आधार पर 127 रुपये का बिल बना। गलत बिल बनाने के आरोप में एमडी ने तत्काल मीटर रीडर की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया। एसडीओ और अवर अभियंता को चार्जशीट दी गई है। निदेशक (तकनीक) पीपी सिंह ने बताया कि इस डिवीजन में पिछले एक महीने के बिजली बिल की जांच कराई जाएगी। बिलिंग में लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी।

बरईपुर खंड में भ्रष्टाचार पर काम करता है पूरा कॉकस पूर्व में हुई कार्यवाही से भी सबक नही सीखे वर्तमान के अधिषासी अभियंता

शूत्रो के अनुसार बरईपुर वितरण खंड में मिलीभगत के तहत गलत बिल बनाया जाता है जिसपर पीडित उपभोक्ता खंड में शिकायत के लिए चक्कर लगाते है औऱ वही पर खेल शुरू हो जाता है पैसा वसूली का T G-2 से लेकर खंड अधिकारियों तक का हिस्सा निर्धारण कर उपभोक्ता से रुपये की मांग होती है।अधिषासी अभियंता औऱ सहायक अभियंताओ ने अपनी ID कुछ चुनिंदा लोग को दे रखी है जिसका इस्तेमाल कर कुछ का बिल रिविज़न हो जाता है औऱ जंहा पर कमाई ज्यादा है वहाँ पर P D कर उपभोक्ता को नया विद्युत कनेक्शन दिया जाता है अग़र बिल रिविज़न औऱ P D की जांच हो तो पूरे कॉकस का खुलासा हो सकता है। बहुत सारे उपभोक्ता होंगे जो उच्च अधिकारियो तक नही पहुँच पाते है।पाठकों को बताते चले कि पूर्व के अधिषासी अभियंता 2 लाख घूसकांड में हो चुके है सेवा से बर्खास्त उन पर भी फर्जी वर्क आर्डर,PD, बिल रिविज़न के तहत भ्रष्टाचार के आरोप थे।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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