एक झलक

विद्युत विभाग: 8 करोड़ की लूट का गज़ब खेल:EE, सत्रुघ्न राम औऱ SE,कृष्ण मोहन राव की खुली लूट की पहली परत:धृतराष्ट्र बने पूर्वान्चल प्रबंधन की कलंक कथा

वाराणसी 30 मई: पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की सिविल इकाई में व्याप्त भ्रष्टाचार के काले कारनामो की परत खुलने लगीं है।

पूर्वान्चल सिविल इकाई की कलंक कथा

उल्लेखनीय है की सिविल इकाई में व्याप्त भ्रष्टाचार के काले कारोबार की आवाज़ उपभोक्ता की आवाज़ पूर्व के वर्षों में प्रमुखता से उठता रहा है। पर पूर्वान्चल के भ्रष्ट प्रबंधन को न कुछ सुनाई दिया औऱ न ही कुछ दिखाई दिया। सिविल इकाई के भ्रष्टाचार की तमाम शिकायतो को पूर्वान्चल प्रबंधन नजरअंदाज करता गया।
सिविल इकाई के भ्रष्टाचार को दबाने में पूर्वान्चल प्रबंधन के हर जिम्मेदार अधिकारी ने आंख नाक कान बंद करने के एवज में अपने-अपने सरकारी बंगलो को पूर्णता आलीशान बनवाया औऱ भोग-विलास की हर एक समान को सिविल इकाई के मंगवाया औऱ रिटायर होने के बाद सब लाद कर ले गए।
*आज भी जारी है पूर्वान्चल की कथा*
सूत्र बताते है की वर्तमान में सिविल इकाई द्वारा प्रबंधन निदेशक औऱ प्रबंधन के शीर्ष अधिकारियों की नामक से ले कर रोजाना उपयोग में आने वाली वस्तुओं की आपूर्ति कर रहा है।

बकरे की अम्मा कब तक मनाईगी खैर

पूर्वान्चल के सिविल इकाई के भ्रष्टाचार की पोल खुलने लगी है जब से सरकार के अनुमोदन के बाद प्रदेश की विजलेंस टीम को लगाया गया है। विजलेंस टीम,वाराणसी द्वारा खुली जांच शुरू कर दी है।

8 करोड़ के घोटाले में प्रारंभिक लगभग 60 लाख की लूट के षड्यंत्र का हुआ खुलासा

पूर्वान्चल सिविल इकाई के पोल डिवीजन वाराणसी,चंदौली, प्रयागराज औऱ गोरखपुर के यूनिट की क्षमताओं की वृद्धि के लिए ठेकेदारों को टेंडर वर्ष-2016 में दिया गया था ठेका लेनेवाली फेर्मो को 18% GST जोड़कर भुगतान किया गया,उस समय अनुबंघ मे GST का कोई प्राविधान नही था, क्यो की देश मे GST जुलाई-2017 से लागू हुई थी। इसी तरह चंदौली औऱ प्रयागराज में भी भुगतान किया गया प्रारंभिक तौर पर 8 करोड़ के घोटाले में 60 लाख की हेरा-फेरी पकड़ी गई है।

लूट के लिए ईमानदार उपखंड अधिकारी को कर दिया ट्रांसफर

सहायक अभियंता विजय प्रताप सिंह की ईमानदारी से पोल खंड में लूट के खेल को बिगड़ते देख अधिषासी अभियन्ता सत्रुघ्न राम की संस्तुति पर उस समय के मुख्य अभियंता कृष्ण मोहन राव ने विजय कुमार सिंह का तबादला गोरखपुर से प्रयागराज में कर दिया था।

ठेकदारों को फ़ायदा के लिये,पर्यवेक्षणीय कार्यो कोदिया अपने चहेतों को,किया करोड़ो का गबन

सहायक अभियन्ता विजय कुमार सिंह का ट्रांसफर गोरखपुर से प्रयागराज करने के बाद गोरखपुर के कार्यों के पर्यवेक्षणीय दायत्व अपने चहेतों बस्ती डिवीजन के सहायक अभियंता औऱ अवर अभियंता,शशि कपूर भारती को दे दिया। सभी ने मिल कर ठेकदारों को फ़ायदा पहुचाते हुए करोड़ो का गबन कर दिया।
बताते चले भ्रष्ट अधीक्षण अभियंता कृष्ण मोहन राव के विरुद्ध माननीय लोकायुक्त, लखनऊ में भ्रष्टाचार की शिकायत पर मामला विचाराधीन है।

भ्रष्टाचार विरुद्ध युद्ध अभी शेष है….

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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