एक झलक
शक एक ऐसी लाइलाज बीमारी है जिसकी कोई दवा नही
23नवंबर2021
शक एक ऐसी लाइलाज बीमारी है जिसकी कोई दवा नही। मंदिर में जाते हुए किसी व्यक्ति को देखकर यह अवश्य मेरे बुरे के लिए वहाँ गया होगा इसी का नाम शक है। दूसरों की क्रियाओं के साथ अपनी नकारात्मक कल्पनाओं को जोड़ देना ही शक है। शक आँख और कान का विषय नही अपितु मात्र कल्पना का विषय है क्योंकि आँख दिखा सकती है।
कान सुना सकते है मगर कोई आदमी उनका क्या अर्थ निकालता है यह तो उसकी बुद्धि के स्तर पर ही निर्भर करता है मेरा अपना कोई नही यह सत्य और उनके सब अपने है यह शक है। मुझे लोग देख रहे हैं यह सत्य है पर सब लोग देखकर मुझे जलते हैं यह शक है हँसना बहुत लाभकारी है यह सत्य है लेकिन लोग मुझ पर हँसते है यह शक है शक को ख़त्म किया जा सकता है मगर विष से नहीं विश्वास से।