एक झलक

शनि अमावस्या के 8 अचूक उपाय करेंगे मालामाल, देंगे संकट से मुक्ति

4दिसंबर2021

हमारे शास्त्रों में वर्षभर की सभी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है।

इस बार मार्गशीर्ष मास की अमावस्या शनिवार, 4 दिसंबर 2021 यानी आज ही के दिन है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि इस अमावस्या के दिन भगवान शनिदेव का दिन पड़ रहा है, इसी कारण इसे शनिचरी अमावस्या कहा जाता है। यह दिन पितृ तर्पण, पितृ कर्मकांड, पवित्र नदी स्नान तथा सामर्थ्यनुसार दान करना बेहद शुभ फलदायी माना गया है। इस दिन शनि पीड़ा से मुक्ति की कामना भी की जाती है।

शनि की अनुकूलता से व्यक्ति को चल रही साढ़ेसाती, शनि ढैय्या और कुंडली में मौजूद कमजोर शनि का प्रभाव समाप्त होता है। कार्यों में आनेवाली बाधाएं समाप्त होती हैं। इतना ही नहीं जहां व्यापारियों को तरक्की होती है, वहीं नौकरीपेशा जातकों को पदोन्नति भी मिलती है।

ज्योतिष की मानें तो अमावस्या के दिन अगर शनिवार आ जाए तो इसका काफी महत्व बढ़ जाता है। इस बार 4 दिसंबर को साल का अंतिम सूर्यग्रहण, स्नानदान श्राद्ध अमावस्या होने से यह दिन बेहद विशेष है। मान्‍यता के अनुसार ग्रहण के दिन स्‍नान-दान करने से ईश्‍वर की कृपा की प्राप्ति भी होती है।

शनि अमावस्या के दिन निम्न उपाय करने से जीवन के कष्ट दूर होकर शनि की अनुकूलता तथा धन प्राप्ति के योग बनते हैं।

1. इस दिन शनिदेव का पूजन-अर्चन करने से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां समाप्त होती हैं।

2. जो व्यक्ति बीमारी से ग्रसित हैं या जिन्हें बार-बार वाहन दुर्घटना का सामना करना पड़ रहा हैं, तो उन्हें शनि शांति की पूजा करनी चाहिए, इससे रोग और दुर्घटना से निजात मिलेगी।

3. शनिचरी अमावस्या (Shani Amavasya) के शनि और हनुमान जी का पूजन करने का विशेष महत्व है। शनि पूजा के लिए सबसे विशेष समय रात्रि या गोधूलि अर्थात शाम का समय होता है। अत: इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आप यह कार्य कर सकते सकते हैं।

4. जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती अथवा शनि का ढैय्या चल रहा है, उन्हें शनि अमावस्या के दिन शनि की विशेष आराधना करनी चाहिए।

5. इस दिन शनि के बीज मंत्रों तथा शनि की वस्‍तुओं का दान करना चाहिए। लोहा, उड़द दाल, तेल, पुराने वस्त्र, जूते-चप्पल आदि का दान तथा तली हुई खाने-पीने की चीजों का दान- जैसे समोसा, कचोरी, भजिए आदि का दान निर्धनों को करना उचित रहेगा।

6. जिन जातकों को कड़ी मेहनत के बाद भी मनोवांछित फल प्राप्त नहीं हो रहे हैं, उन्हें हर शनिवार अपने शरीर तेल की मालिश करनी चाहिए। इससे स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ रुके हुए काम भी बनने लगते हैं।

7. इस दिन हनुमान जी का बजरंग बाण, हनुमान चालीसा और संकटमोचन का नित्य पाठ करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

8. शनि की शांति एवं शुभता पाने के लिए शनि अष्टक, शनि स्तवराज और शनि स्तोत्र का पाठ करें।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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